त्रिपुरा में बीजेपी का संकट गहराता जा रहा है। बिप्लब कुमार देब की सरकार खिलाफ पार्टी के एक वर्ग की खुली नराजगी को कम करने के लिए दो दिन पहले किए गए कैबिनेट विस्तार के बाद आज विधानसभा स्पीकर रेबती मोहन दास ने अचानक अपने पद से इस्तीफा देकर सबको चौंका दिया है। कहा जा रहा है कि दास ने 'व्यक्तिगत कारणों' का हवाला देते हुए इस्तीफा दिया है।
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विधानसभा अध्यक्ष रेबती मोहन दास के इस्तीफे की पुष्टि करते हुए त्रिपुरा विधानसभा के सचिव बिष्णु पाड़ा कर्माकर ने बताया कि दास ने अपना इस्तीफा उपाध्यक्ष बिस्वा बंधु सेन को सौंप दिया है। कर्माकर ने कहा कि दास ने अपना इस्तीफा व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए दिया है। इस अप्रत्याशित घटनाक्रम से सकते में आई बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष माणिक साहा और मुख्य प्रवक्ता सुब्रत चक्रवर्ती सहित अन्य नेताओं ने मामले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है।
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गौरतलब है कि रेबती मोहन दास एक पूर्व सीपीएम नेता हैं, जो 2016 में बीजेपी में शामिल हुए थे और पश्चिमी त्रिपुरा के प्रतापगढ़ विधानसभा क्षेत्र से भगवा पार्टी के टिकट पर 2018 के चुनावों में राज्य विधानसभा के लिए चुने गए थे। दास के इस्तीफे के बाद अटकलें हैं कि वह टीएमसी के संपर्क में हैं। इस बीच ये भी चर्चा है कि आने वाले दिनों में और कई बीजेपी नेता पार्टी से अलग हो सकते हैं।
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बता दें कि त्रिपुरा में सत्तारूढ़ बीजेपी विधायकों और नेताओं के एक वर्ग द्वारा खुली नाराजगी के बीच इसी मंगलवार को तीन नए चेहरों- राम प्रसाद पॉल, सुशांत चौधरी, भगवान चंद्र दास को बीजेपी-आईपीएफटी गठबंधन की बिप्लब देब सरकार के पहले कैबिनेट विस्तार में मंत्रिमंडल में शामिल किया गया था। पार्टी 2018 के विधानसभा चुनाव में वाम दलों को हराने के बाद सत्ता में आई थी।
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