हरियाणा में तीन निर्दलीय विधायकों के सरकार से समर्थन वापस लेने के बाद बीजेपी की मुश्किल बढ़ती जा रही है। बीजेपी की पूर्व सहयोगी जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) ने बुधवार को कहा कि अगर कांग्रेस राज्य में बीजेपी सरकार को गिराने का प्रयास करती है तो वह उसकी मदद करने के लिए तैयार है। बहरहाल, मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने दावा किया है कि उनकी सरकार किसी संकट में नहीं है।
निर्दलीय विधायक सोमबीर सांगवान (दादरी), रणधीर सिंह गोलन (पुंडरी) और धर्मपाल गोंदर (नीलोखेड़ी) ने मंगलवार को नायब सैनी सरकार से समर्थन वापस लेने और कांग्रेस का समर्थन करने का ऐलान कर बीजेपी को झटका दे दिया था। इसके बाद कांग्रेस ने दावा किया कि राज्य विधानसभा में सैनी सरकार अल्पमत में आ गयी है और उसने राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है।
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राज्य में राजनीतिक घटनाक्रम में तेजी से बदलाव ऐसे वक्त में आ रहा है जब लोकसभा चुनाव के लिए मतदान में महज 15 दिन बचे हैं और अक्टूबर में राज्य विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं। ताजा हालात के बीच हिसार में पत्रकारों से बात करते हुए जेजेपी नेता दुष्यंत चौटाला ने कहा कि यदि सैनी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जाता है तो वे सरकार के खिलाफ मतदान करेंगे।
दुष्यंत चौटाला ने कहा, ‘‘मैं विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा को बताना चाहता हूं कि विधानसभा में मौजूदा संख्या को देखते हुए अगर इस सरकार को (लोकसभा) चुनाव के दौरान गिराने के लिए कोई कदम उठाया जाता है तो हम इसमें बाहर से उनका समर्थन करने पर पूरी तरह विचार करेंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अब कांग्रेस को सोचना है कि वह बीजेपी सरकार को गिराने के लिए कदम उठाती है या नहीं।’’
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उन्होंने अपनी पार्टी के बीजेपी से फिर से गठबंधन करने की संभावना को भी खारिज कर दिया। दोनों पार्टियों ने मार्च में गठबंधन तोड़ा था। चौटाला ने कहा, ‘‘मैंने बिल्कुल साफ कर दिया है कि जेजेपी अब बीजेपी के साथ नहीं जाएगी।’’ उन्होंने मांग की कि सीएम नायब सैनी बहुमत साबित करें या अपना इस्तीफा सौंपें।
कुछ जेजेपी विधायकों के बीजेपी को समर्थन देने संबंधी सवाल पर चौटाला ने कहा कि उनमें से तीन को नोटिस जारी किया गया है और उन्हें जवाब देने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि उनके पार्टी विधायक व्हिप से बंधे हैं और यदि कोई किसी और को समर्थन देना चाहता है तो पहले उसे इस्तीफा देना पड़ेगा। सैनी को मार्च में मनोहर लाल खट्टर की जगह मुख्यमंत्री बनाया गया था और तभी जेजेपी का बीजेपी के साथ चुनाव बाद साढ़े चार साल का गठबंधन खत्म हो गया था।
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हरियाणा की 90 सदस्यीय विधानसभा में सदस्यों की मौजूदा संख्या 88 है। करनाल और रानिया विधानसभा सीट खाली हैं। सदन में बीजेपी के 40 विधायक, कांग्रेस के 30 और जेजेपी के 10 विधायक हैं। इंडियन नेशनल लोक दल (इनेलो) और हरियाणा लोकहित पार्टी का एक-एक सदस्य है और छह निर्दलीय विधायक हैं। सरकार के पास दो निर्दलीय विधायकों का समर्थन भी है।
कांग्रेस की हरियाणा इकाई के प्रमुख उदय भान ने कहा कि पार्टी राज्यपाल को पत्र लिखकर सूचित करेगी कि तीन निर्दलीय विधायकों के समर्थन वापस लेने के बाद सैनी सरकार अल्पमत में है और उसे बर्खास्त किया जाना चाहिए, राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया जाए और नए सिरे से चुनाव कराने की घोषणा की जाए। उन्होंने जेजेपी, इनेलो और निर्दलीय विधायक बलराज कुंडु को भी बीजेपी का विरोध करने के उनके दावों को विश्वसनीयता देने के लिए राज्यपाल को इसी तरह का पत्र लिखने को कहा।
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हालांकि, हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने चंडीगढ़ में एक सवाल पर कहा कि सैनी सरकार ने 13 मार्च को विश्वास मत जीता था। उन्होंने कहा, ‘‘हम कैसे कह सकते हैं कि सरकार अल्पमत में है? यह बरकरार है और पहले की तरह काम कर रही है।’’ यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सकता है, इस पर अध्यक्ष ने कहा, ‘‘आमतौर पर जब कोई अविश्वास प्रस्ताव लाया जाता है तो दूसरा प्रस्ताव उसके छह महीने बाद ही लाया जा सकता है। यह एक तकनीकी मामला है।’’
हरियाणा में अक्टूबर में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं जबकि करनाल विधानसभा के लिए उपचुनाव राज्य में 10 लोकसभा सीटों पर मतदान के साथ 25 मई को कराया जाएगा। निवर्तमान लोकसभा में कुरुक्षेत्र से सांसद सैनी विधानसभा उपचुनाव के लिए बीजेपी के प्रत्याशी हैं और अगर वह जीतते हैं तो विधानसभा में पार्टी के सदस्यों की संख्या बढ़कर 41 हो जाएगी।
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