झारखंड के गोड्डा से बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने अपनी एक तस्वीर को लेकर सोशल मीडिया में जमकर ट्रोल हो रहे हैं। वायरल तस्वीर में सार्वजनिक स्थल पर एक कार्यकर्ता उनका पैर धोकर पानी पी गया। हैरानी की बात यह है कि पैर धोकर पीने को लेकर बीजेपी सांसद भी बेहद खुश नजर आए और खुद ट्वीट कर इसकी जानकारी दी।
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मामला तुल पकड़ता देख बीजेपी सांसद ने सफाई दी है। उन्होंने कहा अगर कार्यकर्ता खुशी का इजहार करते हुए पैर धो रहा है, तो क्या गजब हुआ? साथ ही उन्होंने कहा कि पैर धोना तो झारखंड में अतिथि के लिए होता ही रहा है। कार्यक्रम में आदिवासी महिलाएं क्या यह नहीं करती हैं? इसे राजनितिक रंग क्यूं दिया जा रहा है। साथ ही उन्होंने कहा कि क्या अतिथि का पैर धोना गलत है? अपने पुरखों से पूछिए, महाभारत में कृष्ण जी ने क्या पैर नहीं धोए थे? हालांकि विदाद को बढ़ता देखकर बीजेपी विधायक ने पोस्ट को एडिट कर चरणामृत पीने की बात हटा दी।
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बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने इस घटना की कड़ी निंदा की और उन्होंने ट्वीट कर कहा कि ये जातिवाद की पराकाष्ठा है। आरएसएस प्रमुख इसलिए कह रहे थे 800 साल बाद हमारा राज आया है ताकि एक पिछड़ा व्यक्ति वर्ण व्यवस्था में सबसे ऊपर क़ाबिज समाज के व्यक्ति और सांसद के पैर धोकर उसका मैला पानी पी सकें।
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इस पूरे मामले पर जेवीएम विधायक प्रदीप यादव ने कहा कि सांसद का ये व्यवहार पुराने जमाने की याद दिलाता है। जहां सामंती सोच के लोग पिछड़ों को अपने पैरों तले दबा कर रखते थे। लोकतंत्र में विश्वास करने वाला व्यक्ति ऐसी हरकत कभी नहीं कर सकता। ऐसे व्यवहार वाले सांसद का सर्वश्रेष्ठ सांसद के रूप में पुरस्कृत होना भी दुर्भाग्यपूर्ण है। वहीं उन्होंने कहा कि बीजेपी को ऐसे सांसद को पार्टी से बाहर कर देना चाहिए।
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