अयोध्या की विवादित भूमि पर सुप्रीम कोर्ट 4 जनवरी को सुनवाई करने वाला है। लेकिन इससे पहले यूपी के घोसी से बीजेपी सांसद हरिनारायण राजभर ने राममंदिर निर्माण को लेकर भड़काऊ बयान दिया है। उन्होंने कहा कि बाबरी ढांचे को गिराने के लिए जिस तरह की कारसेवा हुई थी, ठीक उसी तरह की कारसेवा राम मंदिर निर्माण के लिए होनी चाहिए। लोगों की आस्था का फैसला सरकार या सुप्रीम कोर्ट नहीं कर सकता। राम मंदिर 100 करोड़ हिंदुओं की आस्था का मामला है।
इस दौरान उन्होंने कहा कि तिरपाल में रामलला को ठंड लगती है। इसलिए प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत भगवान राम के लिए एक घर बनवाया जाए। उन्होंने आगे कहा कि, इस संबंध में मैं फैजाबाद के डीएम को भी पत्र लिखूंगा कि प्रभु श्रीराम के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर मुहैया कराया जाए।
बता दें कि राम मंदिर को लेकर देशभर से साधू-संतों और हिंदूवादी संगठनों की ओर से मांग उठ रही है कि सरकार को 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले मंदिर निर्माण शुरू कर देना चाहिए। हाल ही में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने भी ऐलान किया है कि अगर राम मंदिर निर्माण पर जल्द फैसला नहीं हुआ तो नागा संन्यासी अयोध्या के लिए कूच करेंगे।
पिछले दिनों आरएसएस सरसंघचालक मोहन भागवत ने सरकार से मांग की थी कि उसे अध्यादेश लाकर मंदिर निर्माण का रास्ता साफ करना चाहिए। आरएसएस के सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल ने राम मंदिर पर फैसले में देरी पर सवाल उठाते हुए कहा था कि जब सबरीमाला और जलीकट्टू में कोर्ट इतनी जल्दी फैसला सुना सकता है तो रामजन्मभूमि का मामला 70 साल से क्यों विचाराधीन है?
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गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट 4 जनवरी को रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि मालिकाना हक विवाद से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई करेगा। इस मामले को सीजेआई रंजन गोगोई और जस्टिस एस के कौल की बेंच के सामने सूचीबद्ध किया गया है।
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