हालात

शिवसेना के बागियों की बैसाखी पर महाराष्ट्र में सरकार तो बना ली बीजेपी ने, पर अपना घर कैसे संभालेगी!

शिव सेना के बागियों से पहले भी दूसरी पार्टियों के नेताओं को बीजेपी ने अपने घर में जगह दी है जिससे बीजेपी में पहले से ही नाराजगी है। कार्यकर्ताओं और चुनाव हारने वाले उम्मीदवारों की उम्मीद पर जब पानी फिरेगा, तब इसका नुकसान अगले चुनाव में उसे को उठना पड़ेगा।

Getty Images
Getty Images 

महाराष्ट्र में शिव सेना के बागी विधायकों की मदद से बीजेपी ने सत्ता भले ही हासिल कर ली, लेकन इन मददगार विधायकों को लेकर बीजेपी के अंदर ही खदबदाहट है। बीजेपी से अलग होकर शिव सेना ने जब कांग्रेस और एनसीपी के साथ सरकार बनाई थी, तो कई बीजेपी नेताओं ने सुविधाजनक सीट के खयाल से चुनावी तैयारियां आरंभ कर दी थीं। अब उन्हें ब्रेक लगाना पड़ रहा है क्योंकि सबसे बड़ा सवाल तो यही है कि शिव सेना के बागी विधायकों को टिकट वितरण के वक्त बीजेपी को तवज्जो देनी होगी।

बीजेपी और शिव सेना ने 2014 में अलग-अलग चुनाव लड़ा था। बीजेपी ने 260 सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए थे और 122 सीटें जीती थीं। शिव सेना ने 282 सीटों पर लड़कर 63 सीटों पर जीत हासिल की थी। 2019 में बीजेपी और शिव सेना ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा था, तब बीजेपी 106 और शिव सेना 56 सीटें हासिल कर पाई थी। 2014 की तुलना में बीजेपी को 2019 में बागियों ने खासा नुकसान पहुंचाया था। 2024 चुनाव में यह स्थिति ज्यादा गंभीर होगी क्योंकि इस बार बागियों की संख्या ज्यादा ही होने की आशंका है। इसके साथ इसकी संभावना भी अधिक है कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में शिव सेना एनसीपी और कांग्रेस के साथ तालमेल बनाकर चुनाव लड़े। ऐसी हालत में बीजेपी चारों ओर से घिर सकती है।

Published: undefined

दरअसल, 2019 में भी दूसरी पार्टी से आने वाले नेताओं को बीजेपी ने टिकट दिया था। इससे नाराज होकर बीजेपी के कुछ बागी उम्मीदवार मैदान में थे। उन पर बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस की धमकी का असर नहीं हुआ था और उन लोगों ने उम्मीदवारी वापस नहीं ली थी जिससे आखिरकार, पार्टी को ही नुकसान भी हुआ। यह भी ध्यान रखने की बात है कि 2014 चुनाव में जहां छोटी पार्टियों और उम्मीदवारों ने 14 फीसदी वोट हासिल किए थे, वहीं 2019 में यह आंकड़ा 23 फीसदी पर पहुंच गया था। इन्हें मिले वोट बीजेपी से कुछ ही कम रह गए थे। बीजेपी को 25.7 फीसदी वोट मिले थे। इस बार छोटी पार्टियों और निर्दलीय प्रत्याशियों के साथ-साथ तीन बड़ी पार्टियों का संभावित गठबंधन बीजेपी को चुनाव मैदान में ज्यादा परेशान कर सकता है।

Published: undefined

वैसे, राजनीतिक विश्लेषक अभय देशपांडे कहते हैं कि बीजेपी का राजनीतिक गणित अलग है। पार्टी में ऐसे नेता बहुत ही कम हैं जो कद्दावर हों लेकिन वे 2019 में चुनाव हार गए हों। इसलिए अगले चुनाव में इस किस्म के नुकसान की पार्टी नेतृत्व को कम आशंका है। वैसे भी, राज्य में सरकार बनने के बाद बीजेपी के पास नाराज नेताओं को खुश करने के बहुत सारे रास्ते हैं। कुछ कद्दावर नेताओं को राज्यपाल कोटे से विधान परिषद की सदस्यता दिलाने की कोशिश होगी और कुछ को महामंडलों में खपाया जा सकता है। लेकिन बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने नाम नहीं छापने की शर्त पर कहा कि फडणवीस जिस तरह दूसरी पार्टियों के नेताओं को पार्टी में ला रहे हैं या उनका समर्थन हासिल कर रहे हैं, उससे अभी ही बाहरियों की एक बड़ी फौज तैयार हो गई है।

Published: undefined

2019 विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 105 सीटें जीती थीं और अब जो स्थिति बन रही है, उसमें 2024 में 100 से ज्यादा बाहरियों को टिकट देना पड़ सकता है। इन बाहरियों में मराठा ज्यादा हैं और उनको नाखुश करना पार्टी के लिए भारी पड़ेगा लेकिन पार्टी के अंदर नाराजगी स्वाभाविक तौर पर बढ़ेगी। कांग्रेस के पूर्व विधान परिषद सदस्य अनंत गाडगिल भी मानते हैं कि शिव सेना के बागियों से पहले भी दूसरी पार्टियों के नेताओं को बीजेपी ने अपने घर में जगह दी है जिससे बीजेपी में पहले से ही नाराजगी है। पार्टी के प्रतिबद्ध कार्यकर्ताओं और चुनाव हारने वाले उम्मीदवारों की उम्मीद पर जब पानी फिरेगा, तब इसका नुकसान 2024 चुनाव में बीजेपी को उठना पड़ेगा।

Published: undefined

शिव सेना के एक विधायक ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि इस बार हमारी पार्टी अधिक जनाधार के साथ मैदान में जाएगी क्योंकि हमने सरकार चलाते हुए यह दिखा दिया कि हमारा हिन्दुत्व मुसलमान-विरोधी नहीं है और हम सबका हर तरह से खयाल रख सकते हैं जबकि बीजेपी देश भर में एकपक्षीय तरीके से काम कर रही है। अच्छी-भली चलती सरकार गिराने के लिए जिस तरह का षड्यंत्र रचा गया, वह भी सबको देखना होगा। इसीलिए लोग बीजेपी के साथ-साथ शिव सेना को धोखा देने वाले नेताओं को भी चुनावों में मजा चखाएंगे।

Published: undefined

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia

Published: undefined