उत्तर प्रदेश में प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में आई बीजेपी की योगी सरकार के लिए पार्टी के ही कई नेता मुश्किल खड़ी कर रहे हैं। ताजा मामला मुजफ्फरनगर का है, जहां पुलिस ने सेक्स रैकेट चलाने के आरोप में एक बीजेपी नेता को गिरफ्तार किया है। इस नेता का नाम जितेंद्र चौधरी है। स्थानीय इलाके गांधी कॉलानी में कोचिंग सेंटर के नाम पर चलाये जा रहे कॉल गर्ल्स रैकेट का पुलिस ने खुलासा किया था, जिसके बाद एक कॉल गर्ल ने अपने फोन से पुलिस टीम से एक बीजेपी नेता से फोन पर बात कराई थी। जिससे बीजेपी के उस नेता ने पुलिस को मामले से हट जाने को कहा था, मगर सीओ हरीश भदौरिया ने हर तरह के दबाव को दरकिनार कर दिया। सीओ हरीश भदौरिया के मुताबिक, “पुलिस जितेंद्र चौधरी की संलिप्तता की जांच कर रही थी, जिसके सबूत मिलने के बाद उनकी गिरफ्तारी कर ली गई है।
पुलिस के अनुसार एक कॉल गर्ल से मिली रिकॉर्डिंग के आधार पर जितेंद्र चौधरी की संलिप्तता उजागर हुई। इससे एक सप्ताह पहले मुजफ्फरनगर की नई मंडी थाना पुलिस ने गांधी कॉलानी में छापा मारकर कोचिंग सेंटर की आड़ में चल रहे कॉल गर्ल्स रैकेट का खुलासा किया था। वहां से 6 लड़कियों समेत कुल सात लोगों की गिरफ्तारी हुई थी। इसके बाद बीजेपी नेता जितेंद्र चौधरी इन्हें छोड़ने के लिए पुलिस पर दबाव बनाने लगे। गिरफ्तार की गई कॉल गर्ल्स ने पूछताछ मे जितेंद्र चौधरी का नाम लिया, मगर सत्ताधारी पार्टी का नेता होने और बड़े नेताओं से नजदीकी होने के चलते पुलिस जितेंद्र को गिरफ्तार करने में हिचक रही थी। एसएसपी अनंतदेव तिवारी के अनुसार, “जितेंद्र की संलिप्तता की गहराई से पड़ताल की गई, जो सही पाई गई। उसने पुलिस के कुछ लोगों को रौब में लेने की कोशिश की मगर इससे कोई फर्क नही पड़ा, उशे गिरफ्तार कर लिया गया।”
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नई मंडी के इंस्पेक्टर हरसरण शर्मा के अनुसार, सोमवार को पुलिस ने संधावली पुल के पास से फरार होने की जुगत में लगे जितेंद्र को दबोच लिया। जितेंद्र की गिरफ्तारी के बाद स्थानीय बीजेपी नेतृत्व में हलचल मच गई और उसके कई साथी नेताओं ने उससे पल्ला झाड़ लिया। बीजीपी जिलाध्यक्ष रूपेंद्र सैनी ने जितेंद्र चौधरी को बीजेपी नेता स्वीकार करते हुए कहा कि उनके इस कृत्य में हमारा कोई लेना-देना नही है। इस मामले पर सपा नेता साजिद हसन ने कहा कि बीजेपी पूरी तरह एक्सपोज हो चुकी है। उसके नेता आमलोगों की सेवा करने की बजाय गलत धंधों में लिप्त हैं। पकड़े जाने पर वो पुलिस पर दबाव बनाते है। जब पानी सर से ऊपर चढ़ गया, तब पुलिस को मजबूरी में गिरफ्तारी करनी पड़ी है।
साफ सुथरी छवि और अनुशासन का शोर मचानी वाली सूबे की सत्ता पर काबिज बीजीपी के नेता अक्सर अपनी हरकतों से सूबे के सिस्टम पर सवालिया निशान खड़े कर रहे हैं। इससे पहले मेरठ के एक बीजीपी नेता ने सरेआम अधिकारियों को लताड़ते हुए दंगा कराने की धमकी दी थी। मुजफ्फरनगर के रालोद के नेता अजित राठी ने भी बीजेपी नेता के सेक्स रैकेट को संरक्षण देने के आरोप में पकड़े जाने पर टिप्पणी करते हुए कहा कि 'पार्टी विद ए डिफरेंस’ वाले लोग हैं।
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