गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने सोमवार को अपनी सरकार की सराहना करते हुए विवादित बयान दे दिया। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार एक निजी कंपनी की तरह काम कर रही है और वह खुद एक सीईओ की भूमिका में हैं। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार नौकरशाहों की मदद से काम के घंटों की परवाह किए बिना प्राइवेट एग्जीक्यूटिव की तरह काम कर रहे हैं।
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गोवा को आत्मनिर्भर बनाने के अपने विजन की सफलता के बारे में बताने से पहले प्रमोद सावंत ने जूनियर स्तर के सरकारी अधिकारियों के लिए एक विदाई समारोह में बोलते हुए कहा कि उनकी सरकार "एक निजी कंपनी की तरह काम कर रही है।" सावंत यहीं नहीं रुके और खुद को सीईओ भी बता दिया।
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सीएम प्रमोद सावंत ने कहा कि 'स्वयंपूर्णा गोवा' की अवधारणा को सफल बनाने के लिए उन्होंने सबसे पहले राज्य के लगभग 190 ग्राम पंचायतों में सभी आवश्यकताओं और जनसंख्या विभाजन का डेटा बैंक बनाने के लिए दो नौकरशाहों की पहचान की है। सावंत ने कहा, "उन्होंने मेरे लिए एक प्रस्तुति दी और बाद में हम में से पांच या छह ने योजना तैयार की।" उन्होंने कहा कि बाद में वह 'स्वयंपूर्ण मित्र' की अवधारणा के साथ आए।
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पिछले साल अक्टूबर में शुरू की गई इस पहल के अनुसार, गोवा सरकार के 191 राजपत्रित अधिकारियों को राज्य की सभी ग्राम पंचायतों को महत्वाकांक्षी 'स्वयंपूर्णा मित्र' पहल के हिस्से के रूप में प्रचारित करने का निर्देश दिया गया था, जिसका उद्देश्य मानव विकास और निर्माण के दोहरे उद्देश्यों को बढ़ावा देना है।
सीएम प्रमोद सावंत ने कहा, "इसीलिए मुझे लगता है कि मैं एक निजी कंपनी का सीईओ (मुख्य कार्यकारी अधिकारी) हूं और आप सभी (नौकरशाह) अधिकारियों की तरह काम कर रहे हैं और सरकारी अधिकारी 100 फीसदी योगदान दे रहे हैं।"
(आईएएनएस के इनपुट के साथ)
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