प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट - अहमदाबाद और मुंबई के बीच बुलेट ट्रेन - का काम लगभग पूरा हो गया है। लेकिन, इस प्रोजेक्ट के लिए भूमि अधिग्रहण को लेकर राज्य और केंद्र सरकार के दावों के बावजूद अभी भी लगभग 2000 किसान गुजरात में भूमि अधिग्रहण का विरोध कर रहे हैं। गुजरात विधानसभा में राज्य सरकार की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, आवश्यक भूमि का लगभग 5 प्रतिशत अभी भी अधिग्रहण किया जाना है।
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कई कांग्रेसी विधायकों ने राज्य सरकार से सवाल किया था कि पूरे रूट के विभिन्न जिलों में अहमदाबाद और मुंबई के बीच हाई स्पीड रेल नेटवर्क (बुलेट ट्रेन) के अधिग्रहण के लिए कितनी जमीन की आवश्यकता थी, कितनी जमीन का अधिग्रहण हुआ और अधिग्रहण के संबंध में सरकार को कितनी शिकायतें प्राप्त हुईं।
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इन विधायकों को जवाब देते हुए राजस्व मंत्री कौशिक पटेल ने बताया कि परियोजना के लिए कुल 73,64,819 हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता थी। आवश्यक भूमि में से अब तक 69,98,888 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया गया है और अभी भी 3,65,931 हेक्टेयर भूमि किसानों से प्राप्त की जानी है, जो आवश्यक कुल भूमि का लगभग 5 प्रतिशत है।
विधायकों ने यह भी पूछा था कि भूमि अधिग्रहण के संबंध में कितने किसानों ने विरोध किया और अधिकारियों से शिकायत की। मंत्री ने जवाब दिया कि कुल 1,908 किसानों ने प्रधानमंत्री की परियोजना के बारे में विरोध या शिकायत की थी, सबसे ज्यादा शिकायतें सूरत (940), उसके बाद भरुच (408), वलसाड (236), नवसारी (209), वडोदरा (26) और अहमदाबाद से चार किसान थे।
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