जहां जेल के बाहर आकाश का फूल मालाओं से स्वागत किया गया। वहीं इंदौर में बीजेपी दफ्तर के बाहर बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने आकाश की रिहाई पर जश्न मनाया और जमकर ढोल की थाप पर नाचे। बीजेपी के एक कार्यकर्ता ने जश्न के दौरान हवा में फायरिंग भी की।
Published: 30 Jun 2019, 9:41 AM IST
मध्य प्रदेश में शनिवार को भोपाल सेशन कोर्ट ने सुनवाई के बाद बीजेपी विधायक आकाश विजयवर्गीय को जमानत पर रिहा करने का आदेश सुनाया था। आकाश को नगर निगम अधिकारी को बैट से पीटने के आरोप में 26 जून को इंदौर में गिरफ्तार किया गया था। रिहाई के बाद आकाश पहले बीजेपी कार्यालय गए, जहां उनका फूल मालाओं से स्वागत किया गया। जानकारी के मुताबिक आकाश का आज दिनभर बीजेपी कार्यकर्ताओं के साथ मुलाकात का कार्यक्रम है। विधायक आकाश ने जेल से निकलने के बाद कहा, “जेल में समय अच्छा बीता।“
Published: 30 Jun 2019, 9:41 AM IST
जमानत पर रिहा होने केनबाद आकाश ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो वे फिर से ‘बल्लेबाज़ी’ करेंगे।
Published: 30 Jun 2019, 9:41 AM IST
बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के बेटे आकाश विजयवर्गीय की जमानत याचिका पर शनिवार को भोपाल की जिला एवं सत्र न्यायालय पर सुनवाई पूरी हुई थी। दोनों पक्ष के वकीलों की दलील सुनने के बाद विशेष न्यायाधीश सुरेश सिंह ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। बाद में न्यायाधीश सुरेश सिंह ने विधायक आकाश को 50 हजार रुपये की जमानत राशि पर छोड़े जाने का आदेश सुनाया।
आकाश को इंदौर शहर में मुख्यमंत्री कमलनाथ का पुतला जलाने के मामले में भी 20 हजार के निजी मुचलके पर जमानत मिल गई है। सुनवाई के बाद इंदौर से केस डायरी लेकर भोपाल पहुंचे एसआई के हाथ से ही विधायक की जमानत अर्जी को इंदौर भेज दिया गया था।
Published: 30 Jun 2019, 9:41 AM IST
बुधवार को इंदौर-3 विधानसभा सीट से पहली बार विधायक चुने गए आकाश विजयवर्गीय ने जर्जर मकान को ढहाने पहुंचे निगम अधिकारी की बल्ले से पिटाई कर दी थी। उनकी निगम कर्मचारी से पहले बहस हुई थी। अपनी इस करतूत को लेकर उन्होंने सफाई देते हुए कहा था कि- पहले आवेदन, फिर निवेदन और फिर दे दनादन के तहत कार्रवाई की जाएगी।
गुरुवार को विधायक आकाश की जमानत अर्जी को अदालत ने खारिज कर दिया था। दूसरी जमानत अर्जी को भी एडीजे कोर्ट ने खारिज कर दिया था। जिसके बाद भोपाल के जिला एवं सत्र न्यायालय में जमानत अर्जी दायर की गई थी।
Published: 30 Jun 2019, 9:41 AM IST
कानून के जानकारों का कहना है कि जन प्रतिनिधि कानून के अनुसार अगर आकाश के खिलाफ जिन धाराओं में केस दर्ज हुआ है, वह मुकदमे के दौरान साबित हो जाती हैं तो वह चुनाव लड़ने के अयोग्य हो सकते हैं। यह समय सीमा सजा सुनाने की तिथि से छह साल तक प्रभावी होगी।
Published: 30 Jun 2019, 9:41 AM IST
आकाश के खिलाफ सरकारी काम में बाधा पहुंचाने, मारपीट और बलवा के आरोप में मुकदमा दर्ज हुआ है। इनमें आईपीसी की धारा 147 और 148 के तहत कम से कम दो साल और अधिकतम सात साल की सजा हो सकती है। केस में फैसला आने के समय अगर आकाश विधायक पद पर बने रहते हैं, तो सजा को तीन महीने तक टाल दिया जाएगा। इस दौरान वह नए सिरे से आवेदन कर सकते हैं।
Published: 30 Jun 2019, 9:41 AM IST
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