मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने केंद्र सरकार द्वारा पारित किए गए तीनों कृषि कानूनों को किसान विरोधी करार देते हुए वादा किया है कि, "उप-चुनाव के बाद मुख्यमंत्री बनते ही इन कानूनों को राज्य में लागू नहीं करने का फैसला लूंगा।"
Published: 08 Oct 2020, 5:02 PM IST
पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने गुरुवार को कहा कि, "केंद्र और मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार इस कानून के जरिए पूंजीपति और कॉरपोरेट क्षेत्र को लाभ पहुंचाना चाहते हैं। इसलिए बिना किसानों के भविष्य की सोचे ताबड़तोड़ तरीके से प्रदेश में इस कानून को लागू कर दिया गया। किसानों के खिलाफ अमीरों से मिलकर जो साजिशें रची जा रही हैं, उसका कांग्रेस पार्टी पुरजोर विरोध करेगी।"
Published: 08 Oct 2020, 5:02 PM IST
संसद में कृषि कानून पारित करने के लिए अपनाई गई प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कमलनाथ ने कहा कि, "संसद में जिस अलोकतांत्रिक ढंग से किसान विरोधी कानून पारित कराए गए हैं, वह बीजेपी की मंशा को स्पष्ट करते हैं कि वह सीधे-सीधे इनके जरिए किसानों की कीमत पर बड़े घरानों को लाभ पहुंचाना चाहती है। ये तीनों कानून पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने वाले हैं।"
कमल नाथ ने कहा, "मध्यप्रदेश का मुख्यमंत्री बनते ही किसानों के हित में फैसला लूंगा और इन तीनों कानून को मध्यप्रदेश में लागू नहीं होने दूंगा। साथ ही मंडी टैक्स को न्यूनतम स्तर पर लाया जायेगा और मंडियों का दायरा भी बढ़ाया जायेगा।"
Published: 08 Oct 2020, 5:02 PM IST
उन्होंने कहा, "केंद्र सरकार 23 प्रकार की फसलों का समर्थन मूल्य घोषित करती है। मगर सिर्फ धान और गेहूं समर्थन मूल्य पर खरीदती है और बहुत सीमित मात्रा में दाल और मोटा अनाज वो भी इसलिए क्योंकि सार्वजनिक वितरण प्रणाली में वितरित करना होता है और आपात स्थिति के लिए संग्रहित करना होता है। बाकी की फसलों के लिए किसान बाजार के भरोसे होता है।"
Published: 08 Oct 2020, 5:02 PM IST
उन्होंने कहा कि, "हाल ही में खुद केंद्र सरकार के कृषि लागत एवं मूल्य आयोग की रबी 2020-21 की रिपोर्ट में यह आरोप सरकार पर लगाया गया है कि वो किसानों से दाल खरीद कर स्टॉक करती है और जब दाल की फसल आने वाली होती है, तो उसे खुले बाजार में बेंच देती है, जिससे किसानों को उचित मूल्य नहीं मिल पाता है।"
Published: 08 Oct 2020, 5:02 PM IST
पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा है कि, "बीजेपी दोहरी चाल चरित्र और चेहरे की पार्टी है। इसका ज्वलंत उदाहरण किसान विरोधी कानून हैं। किसानों की आय दोगुना करने का झूठ 15 साल तक शिवराज सिंह चौहान बोलते रहे। असलियत यह है कि आज हमारे किसानों की आय दोगुनी की बजाय आधी ही रह गयी है। केंद्र सरकार वर्ष 2015 में आयी शांताकुमार कमेटी की सिफारिशों को लागू करने की ओर कदम बढ़ा रही है और देश में समर्थन मूल्य पर अनाज खरीदने के खात्मे की बुनियाद रख रही है। भाजपा शुरू से ही किसान विरोधी रही है। वर्ष 2014 में केंद्र में सत्ता में आते ही सरकार ने किसानों के हक का भूमि का उचित मुआवजा कानून भी अध्यादेशों के माध्यम से बदलने की कोशिश की थी। मगर कांग्रेस ने किसानों के पक्ष में मुखरता से आवाज उठायी और केंद्र सरकार को उन अध्यादेशों को वापस लेने पर मजबूर किया।"
Published: 08 Oct 2020, 5:02 PM IST
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, "अन्नदाता किसान जो अथक परिश्रम कर अपना पेट काटकर देश के भोजन का प्रबंध करता है। उसे बीजेपी षडयंत्र पूर्वक न केवल कमजोर करने बल्कि उसे कंगाल बनाने में तुली है। कांग्रेस ने तय किया है कि वह बीजेपी सरकार की इन कोशिशों को न केवल बेनकाब करेगी, बल्कि उसके मनसूबों को सफल नहीं होने देगी।"
Published: 08 Oct 2020, 5:02 PM IST
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: 08 Oct 2020, 5:02 PM IST