राजस्थान के कुंभलगढ़ शहर में आयोजित बीजेपी के दो दिवसीय 'चिंतन शिविर' में बीजेपी कार्यकर्ताओं को एकजुट होकर मिशन 2023 पर ध्यान केंद्रित करने और आपसी कलह को रोकने का कड़ा संदेश दिया गया। हालांकि, पूर्व सीएम वसुंधरा राजे, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और भूपेंद्र यादव की अनुपस्थिति ने कई सवालों को जन्म दे दिया है।
Published: 23 Sep 2021, 4:09 PM IST
बीजेपी के अधिकारियों ने इन नेताओं की अनुपस्थिति को तवज्जो नहीं दी और कहा कि उनकी अपनी व्यक्तिगत और व्यावसायिक प्रतिबद्धताएं हैं। पार्टी के एक नेता ने कहा राजे की बहू की तबीयत खराब है, शेखावत को पंजाब संकट से निपटने की जिम्मेदारी दी गई है, जबकि यादव मणिपाल के प्रभारी हैं, इसलिए ये नेता बैठक से अनुपस्थित हैं।
Published: 23 Sep 2021, 4:09 PM IST
कुंभलगढ़ में सोमवार और मंगलवार को बीजेपी के राष्ट्रीय संगठन महासचिव बी.एल. संतोष के दिशानिर्देश में दो दिवसीय चिंतन शिविर का आयोजन किया गया। बैठक में निर्णय लिया गया कि पार्टी संगठन और केंद्र सरकार द्वारा किए गए कार्यों के आधार पर बिना सीएम के चेहरे के विधानसभा चुनाव लड़ेगी। संसदीय बोर्ड की सिफारिशों के अनुसार सीएम को अंतिम रूप दिया जाएगा। पार्टी नेताओं नेकहा कि बैठक में इस मुद्दे पर फैसला किया गया है।
Published: 23 Sep 2021, 4:09 PM IST
गौरतलब है कि आलाकमान द्वारा सतीश पूनिया को प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किए जाने के बाद से राजस्थान में बीजेपी गुटबाजी में घिर गई है, हालांकि राज्य के नेताओं ने इस बात से इनकार किया है कि पार्टी में कोई अंदरूनी कलह है। एक नेता ने कहा कि इस नेतृत्व को पार्टी में किसी भी तरह की अनुशासनहीनता से निपटने की खुली छूट दी गई है।
(आईएएनएस के इनपुट के साथ)
Published: 23 Sep 2021, 4:09 PM IST
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Published: 23 Sep 2021, 4:09 PM IST