राजस्थान में कुछ फोन रिकॉर्डिंग से राजनीतिक अस्थिरता लाने की कोशिश का खुलासा होने के बाद बीजेपी द्वारा फोन टेपिंग की सीबीआई जांच कराने की मांग के फौरन बाद कांग्रेस ने बीजेपी पर पलटवार किया है। कांग्रेस ने कहा कि आखिरकार बीजेपी ने राजस्थान में लोकतंत्र की सरेआम हत्या के प्रयासों को स्वीकार कर लिया है।
एक वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि सबने पिछले एक सप्ताह में राजस्थान में बीजेपी द्वारा लोकतंत्र की दिनदहाड़े हत्या करने के प्रयास को देखा है। उन्होंने कहा, “राजस्थान में लोकतंत्र की सरेआम हत्या के प्रयासों में बीजेपी का खुला खेल जग-जाहिर तो हो ही गया था। आज बीजेपी ने अपनी प्रेस वार्ता में स्वीकार भी कर लिया कि खरीद फरोख्त तो हुई है, लोकतंत्र की हत्या भी हुई है, संविधान को कुचला भी गया है, बस उन्हें आपत्ति इस बात की है कि रिकॉर्डिंग क्यों हुई?”
Published: 18 Jul 2020, 7:17 PM IST
पवन खेड़ा ने कहा कि बीजेपी को इस बात की शिकायत है कि जब यह सब हो रहा था तो उसकी रिकॉर्डिंग क्यों हो रही थी। यानी चोर मान रहा है कि वह चोरी कर रहा है, और मात्र यह जानना चाहता है कि जब वह चोरी कर रहा था तो वहां कैमरा क्यों लगा हुआ था। यह बिल्कुल वैसे ही जैसे हत्या का आरोपी यह कहे कि जिस गवाह ने मुझे हत्या करते हुए देखा और पुलिस को सूचित किया, उसने मेरे कमरे में झांक कर मेरी निजता की स्वतंत्रता को भंग किया।
Published: 18 Jul 2020, 7:17 PM IST
पवन खेड़ा ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस के किसी विधायक ने ये आरोप नहीं लगाया कि उनका फोन टैप किया गया। आरोप लगा रहा है बीजेपी का राष्ट्रीय प्रवक्ता! आरोप लगा रही है बीजेपी की केंद्रीय इकाई! ज़ाहिर है उन्हें भय है कि जांच के बाद सारा षड़यंत्र सामने आएगा। और ऊपर के नेतृत्व से बहुत सारे तार जुड़े होने के प्रमाण सामने आएंगे इसलिए बीजेपी जवाब देने के बजाय उल्टा आरोप लगाकर बचना चाह रही है। आज यह साफ हो गया है कि चोर डरा भी हुआ है और चोर को यह भी पता है कि इस प्रकरण में न केवल एक केन्द्रीय मंत्री, बल्कि उस मंत्री के ऊपर के भी कई नेता फंसने वाले हैं।
Published: 18 Jul 2020, 7:17 PM IST
पवन खेड़ा ने कहा कि शुक्रवार रात और शनिवार को बीजेपी को बेनकाब करते हुए राजस्थान में कुछ ऑडियो टेप सामने आए। तत्पश्चात कुछ लोगों के विरूद्ध मुकदमा दर्ज हुआ और राजस्थान एसओजी की टीम मानेसर के उस होटल में पहुंची, जहां मनोहर लाल खट्टर की पुलिस के कब्जे में कांग्रेस के कुछ विधायक बंद हैं। लेकिन इतिहास में यह पहली बार हुआ कि जांच रोकने के लिए बीजेपी खुलकर अपने सरकारी अमले का दुरूपयोग करते हुए मैदान में आ गई। और जिनकी आवाज इन तथाकथित आडियो टेप में सुनाई दे रही है, उन विधायकों के साथ-साथ बाकी विधायकों को भी पिछले दरवाजे से निकाल कर तड़ीपार करवा दिया गया।
Published: 18 Jul 2020, 7:17 PM IST
पवन खेड़ा ने सवाल किया कि “आखिर क्या कारण है कि एक तरफ तो आप अदालत में भी कह रहे हैं कि आप कांग्रेस में हैं और दूसरी तरफ आप बीजेपी के संरक्षण में हरियाणा में बैठे हैं ? आखिर क्या कारण है कि एक तरफ तो बीजेपी से जुड़े नामी-गिरामी वकील कोर्ट में साबित कर रहे हैं कि यह विधायक अबी भी कांग्रेस में हैं और दूसरी तरफ बीजेपी के संरक्षण में वॉयस सैंपल देने से बचकर पिछले दरवाजे से निकल जाते हैं? अब सुनने में आया है कि अब इन विधायकों को बीजेपी शासित कर्नाटक ले जाने के प्रयास हो रहे हैं। आखिर क्या कारण है कि जिन विधायकों पर कोई एफआईआर दर्ज नहीं हुई, उन्हें इस तरह बीजेपी के संरक्षण में तड़ीपार करवाया गया?”
Published: 18 Jul 2020, 7:17 PM IST
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Published: 18 Jul 2020, 7:17 PM IST