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उत्तराखंड की तरफ तेजी से बढ़ रहा है बिपरजॉय तूफान, भारी बारिश और तेज आंधी का अलर्ट जारी

इससे पहले तेज हवाओं और मूसलाधार बारिश के साथ चक्रवात बिपरजॉय ने गुजरात में भारी तबाही मचाई है। कमजोर पड़ने से पहले चक्रवात ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया। 500 से ज्यादा पेड़ों और सैकड़ों पोल को उखाड़ दिया, जिससे राज्य बिजली व्यवस्था छिन्न-भिन्न हो गई।

उत्तराखंड की तरफ तेजी से बढ़ रहा है बिपरजॉय तूफान
उत्तराखंड की तरफ तेजी से बढ़ रहा है बिपरजॉय तूफान फोटोः IANS

चक्रवात बिपोरजॉय तेजी से उत्तराखंड की ओर बढ़ रहा है। बताया जा रहा है कि तूफान कुमाऊं के कई जिलों में ज्यादा प्रभाव डाल सकता है, जिसके चलते बारिश के साथ तेज आंधी चलने की भी आशंका है। इसे देखते हुए मौसम विभाग ने 18 जून तक बारिश और आंधी चलने का येलो अलर्ट जारी किया है। इसके मुताबिक, 16 जून को रुद्रप्रयाग, चमोली, उत्तरकाशी, पिथौरागढ़ और बागेश्वर में 50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से झोंकेदार हवाएं चलने की संभावना है।

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इसके लिए विभाग ने येलो अलर्ट जारी किया है। 17 जून को भी इसी तरह का मौसम देखने को मिलेगा। जबकि 18 जून को प्रदेश के सभी जिलों में ओलावृष्टि और तेज बारिश के साथ 80 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से आंधी चलने की चेतावनी है। वहीं, 19 जून के लिए भी यही अलर्ट जारी रहेगा।

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इससे पहले गुरुवार रात से तेज हवाओं और मूसलाधार बारिश के साथ चक्रवात बिपरजॉय ने गुजरात में भारी तबाही मचाई है। कमजोर पड़ने से पहले चक्रवात ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया। कई पेड़ों को उखाड़ दिया। इससे 23 लोगों को चोटें आई हैं। बिजली व्यवस्था छिन्न-भिन्न हो गई। समुद्र के तटों पर भारी भूस्खलन हुआ है। एनडीआरएफ ने चक्रवात के आगमन से पहले दो हताहतों की सूचना दी।

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गुजरात के राहत आयुक्त, आलोक सिंह ने बताया कि चक्रवात के कारण 24 जानवरों की मौत हुई। 524 पेड़ गिर गए हैं और बिजली के कई खंभे क्षतिग्रस्त हो गए। इसके परिणामस्वरूप 940 गांवों में बिजली गुल हो गई। मोरबी जिले में 115-120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने और भारी बारिश के कारण 300 से अधिक बिजली के खंभे टूट गए। इसके कारण 45 गांवों में बिजली गुल हो गई।

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पश्चिम गुजरात विज कंपनी लिमिटेड (पीजीवीसीएल) के अधिकारियों के मुताबिक नौ प्रभावित गांवों में बिजली व्यवस्था बहाल करने के प्रयास जोरों पर हैं। चक्रवात की विभीषिका से बचाने के लिए एक लाख 80 हजार से अधिक लोगों को सुरक्षित क्षेत्रों में स्थानांतरित किया गया।

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