पटना उच्च न्यायालय ने सोमवार को राज्य में शराब माफियाओं के खिलाफ पुलिस और आबकारी विभाग की निष्क्रियता पर नाराजगी व्यक्त की। अदालत ने बिहार सरकार को अवैध शराब के संचालन में शामिल लोगों की पहचान करने का निर्देश दिया है और पुलिस और आबकारी विभाग से आरोपियों के नाम उजागर करने को भी कहा है।
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कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय और आयकर विभाग को भी संदिग्ध व्यक्तियों की संपत्तियों और अन्य संपत्तियों का विश्लेषण करने और उसके अनुसार कार्रवाई करने को कहा है। न्यायमूर्ति संदीप कुमार की एकल पीठ ने कहा कि पुलिस हमेशा शराब की बड़ी खेपों को जब्त करने का दावा करती है लेकिन वे शायद ही संचालकों को पकड़ती हैं। इसका मतलब है कि पुलिस शराब माफिया के खिलाफ सही तरीके से कार्रवाई नहीं कर रही है।
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उन्होंने यह भी दावा किया कि संबंधित जिलों में पुलिस और आबकारी विभाग जहां बड़ी संख्या में शराब की खेप जब्त की गई है, अवैध सिंडिकेट को तोड़ने के लिए आरोपियों को गिरफ्तार करने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं। न्यायमूर्ति कुमार ने एसपी और एसएसपी को शराब बरामदगी से जुड़े लंबित मामले अपने-अपने जिलों में जमा करने का भी निर्देश दिया।
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