एनडीए में जारी उठापटक का पहला दृश्य बिहार में सार्वजनिक हो गया है। खबर आ रही है कि उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी आरएलएसपी के दोनों विधायकों ने अपनी पार्टी से इस्तीफा देकर नीतीश कुमार की जेडीयू का दामन थाम लिया है। सूत्र बताते हैं कि आने वाले दिनों में होने वाले मंत्रिमंडल विस्तार में इन दोनों को मंत्री बनाया जा सकता है। यह दोनों विधायक हैं ललन पासवान और सुधांशु रंजन। ललन पासवान पहले से ही नीतीश कुमार की तारीफें करते रहे हैं।
रविवार को हरलाखी से आरएलएसपी विधायक सुधांशु रंजन ने मुख्यमंत्री आवास जाकर नीतीश कुमार और पार्टी में उनके डिप्टी प्रशांत किशोर से करीब 45 मिनट तक मुलाकात की। मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलों के बीच सुधांशु रंजन की मुख्यमंत्री से मुलाकात को आरएलएसपी में सेंधमारी माना जा रहा है।
गौरतलब है कि आरएलएसपी के दूसरे विधायक ललन पासवान को पहले से ही उपेंद्र कुशवाहा से नाराज माना जा रहा है, क्योंकि वे कई मौकों पर नीतीश कुमार की प्रशंसा कर चुके हैं।
ध्यान रहे कि 2015 के विधानसभा चुनाव में आरएलएसपी ने कुल 23 सीटों पर चुनाव लड़ा था, जिनमें से सिर्फ दो सीटों पर ही उसे जीत हासिल हुई थी। अब इन दोनों विधायकों के जेडीयू में जाने की चर्चा के बाद यह खबर जोर पकड़ रही है कि विधानसभा में आरएलएसपी का सफाया हो गया है।
इस बीच उपेंद्र कुशवाहा ने ताजा राजनीतिक हालात पर तीखी टिप्पणी करते हुए नीतीश कुमार पर हमला बोला है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि, 'नीतीश कुमार को जोड़तोड़ में महारत हासिल है, लेकिन बिहार और देश की जनता सब देख रही है। हम गरीबों, शोषितों, वंचितों, दलितों, पिछड़ों और गरीब सवर्णों के हक के लिए लड़ते रहेंगे।'
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उपेंद्र कुशवाहा ने कुछ पत्रकारों से बातचीत में कहा कि, “सुधांशु को तोड़ने में नीतीश कुमार को कामयाबी नहीं मिलेगी। मेरी सुधांशु से बात हुई है। उन्हें बहला फुसला कर मिलने के लिए बुलाया गया था, लेकिन जनता में जो संदेश जा रहा है वह यह है कि उपेंद्र कुशवाहा को बर्बाद करने का प्रयास हो रहा है। इससे एनडीए को नुकसान होगा।“
लेकिन, राजनीतिक तौर पर यह खबर उपेंद्र कुशवाहा के लिए झटका है, जो ऐसे वक्त लगा है, जब वे कई दिनों से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं। कुशवाहा और नीतीश कुमार के बीच 'नीच' शब्द को लेकर विवाद चल रहा है। उधर, एनडीए में सीटों के बंटवारे का विवाद अभी थमा नहीं है।
इस बीच एलजेपी इस पूरे मामले में किनारा करती नजर आई, लेकिन लोक जनशक्ति पार्टी संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष चिराग पासवान ने यह जरूर कह दिया कि उन्हें नहीं लगता कि नीतीश कुमार ऐसी गैर मर्यादित भाषा बोल सकते हैं।
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