बिहार के मुजफ्फरपुर के एक बालिका आश्रय गृह में लड़कियों के साथ रेप की घटनाओं के बाद सरकार ने राज्य के विभिन्न आश्रय गृहों के संचालन के लिए हाल में चयनित 50 स्वयंसेवी संस्थाओं (एनजीओ) का चयन रद्द कर दिया है। समाज कल्याण विभाग के एक अधिकारी ने बताया, “आश्रय गृहों का संचालन अब किसी स्वयंसेवी संस्था को नहीं दिया जाएगा। इस कारण हाल में चयनित 50 संस्थाओं के चयन को रद्द कर दिया गया है।”
उन्होंने कहा कि अगले तीन महीनों के अंदर राज्य के सभी आश्रय गृहों का संचालन सरकार अपने हाथ में ले लेगी।
इससे पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी कहा था कि राज्य में अब सरकार खुद आश्रय गृहों संचालन करेगी। इसी कारण इन स्वयंसेवी संस्थाओं के चयन को रद्द कर दिया गया है।
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गौरतलब है कि स्वयंसेवी संस्था ‘सेवा संकल्प एवं विकास समिति’ द्वारा संचालित मुजफ्फरपुर बालिका आश्रय गृह में लड़कियों से रेप की बात एक सोशल ऑडिट में सामने आई थी। बिहार समाज कल्याण विभाग ने मुंबई के टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (टीआईएसएस) की ओर से बिहार के सभी आश्रय गृहों का सर्वेक्षण करवाया था, जिसमें यौन शोषण का मामला सामने आया था।
इस सोशल ऑडिट के आधार पर मुजफ्फरपुर महिला थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए संस्था के संरक्षक ब्रजेश ठाकुर समेत 10 लोगों को गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद पीड़ित लड़कियों की चिकित्सा जांच में 34 लड़कियों के साथ रेप की पुष्टि हुई थी।
वर्तमान समय में इस पूरे मामले की जांच पटना उच्च न्यायालय की देखरेख में सीबीआई कर रही है। इस मामले के प्रकाश में आने के बाद समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा को इस्तीफा देना पड़ा था।
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