बिहार में लोकसभा चुनाव के लिए एनडीए के घटक दलों में सीट बंटवारा हो गया है। दिल्ली में बीजेपी मुख्यालय में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के घटक दलों के संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए बीजेपी महासचिव और पार्टी के बिहार प्रभारी विनोद तावड़े ने यह घोषणा की। संवाददाता सम्मेलन में जेडीयू के महासचिव और राज्यसभा सदस्य संजय झा, एलजेपी (रामविलास) के प्रदेश अध्यक्ष राजू तिवारी और बिहार के उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी सहित गठबंधन के अन्य घटक दलों के नेता भी मौजूद थे।
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विनोट तावड़े ने ऐलान करते हुए कहा कि सीट बंटवारे के फार्मूले के तहत राज्य में बीजेपी 17 और जेडीयू 16 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी। वहीं, चिराग पासवान की पार्टी एलजेपी (रामविलास) हाजीपुर समेत 5 लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ेगी। साथ ही विनोद तावड़े ने कहा कि उपेन्द्र कुशवाहा की पार्टी राष्ट्रीय लोक मोर्चा एक सीट और जीतन राम मांझी की पार्टी ‘हम’ भी एक सीट पर चुनाव लड़ेगी।
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सीट शेयरिंग के तहत पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, औरंगाबाद, मधुबनी, अररिया, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, महाराजगंज, सारण, उजियारपुर, बेगूसराय, नवादा, पटना साहिब, पाटलिपुत्र, आरा, बक्सर और सासाराम से बीजेपी के उम्मीदवार चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि वाल्मीकिनगर, सीतामढ़ी, झंझारपुर, सुपौल, किशनगंज, कटिहार, पूर्णिया, मधेपुरा, गोपालगंज, सीवान, भागलपुर, बांका, मुंगेर, नालंदा, जहानाबाद और शिवहर से जेडीयू के उम्मीदवार मैदान में होंगे। वहीं एलजेपी (रामविलास) के हिस्से वैशाली, हाजीपुर, समस्तीपुर, खगड़िया और जमुई की सीट गई है, जबकि गया से ‘हम’ और काराकाट से राष्ट्रीय लोक मोर्चा का प्रत्याशी चुनाव लड़ेगा।
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एनडीए में इस सीट बंटवारे में सबसे बड़ा झटका केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस को लगा है। उनकी पार्टी राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (रालोजपा) को इस बंटवारे में एक भी सीट नहीं मिली है। सबसे आश्चर्य की बात तो ये है कि मोदी सरकार में शामिल होने के बावजूद एनडीए के सीट बंटवारे में पारस के नाम तक का जिक्र नहीं है। जबकि खुद पारस और उनके भतीजे प्रिंस राज मौजूदा सांसद हैं।
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रामविलास पासवान के 2020 में निधन के बाद एलजेपी दो हिस्सों में बंट गई थी। उनके भाई पशुपति पारस राष्ट्रीय एलजेपी और उनके बेटे चिराग ने एलजेपी (रामविलास) बना ली थी। पारस ने शुक्रवार को बीजेपी पर उनके साथ न्याय नहीं करने का आरोप लगाते हुए संकेत दिया था कि वह एनडीए से बाहर हो सकते हैं। उन्होंने कहा था कि उनकी पार्टी कहीं भी जाने को स्वतंत्र है। उन्होंने कहा था कि वह हाजीपुर सीट से ही लोकसभा का चुनाव लड़ेंगे। साथ ही उनकी पार्टी के अन्य सांसद भी उन्हीं सीट से चुनाव लड़ेंगे, जहां से वे 2019 के लोकसभा चुनाव में जीते थे। उन्होंने कहा था कि वह बिहार में एनडीए उम्मीदवारों की आधिकारिक घोषणा का इंतजार करेंगे और उसके बाद भावी कदम के संबंध में कोई निर्णय लेंगे।
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