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बिहार में बीजेपी को लग सकता है झटका, उपेंद्र कुशवाहा ने एनडीए छोड़ लालू संग ‘खीर’ पकाने के दिए संकेत

एनडीए के सहयोगी दलों की ओर से पिछले महीने आयोजित डिनर में उपेंद्र कुशवाहा शामिल नहीं हुए थे। इसके बाद से ही यह कयास लगाए जा रहे हैं कि बिहार एनडीए के सहयोगी दलों में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है।

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा

2019 में होने वाला लोकसभा चुनाव करीब है। इस बीच बीजेपी को एक और झटका लग सकता है। मोदी सरकार में मंत्री और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने एनडीए से अलग होने के संकेत दिए हैं। पटना में शनिवार को आयोजित एक कार्यक्रम में उपेंद्र कुशवाहा ने कहा, “यदुवंशी (यादव) का दूध और कुशवंशी (कोइरी समुदाय) का चावल मिल जाए तो खीर बढ़िया होगी, और उस स्वादिष्ट व्यंजन को बनने से कोई रोक नहीं सकता है।” कुशवाहा के इस बयान के कई मतलब निकाले जा रहे हैं। उनके इस बयान को आरजेडी से जोड़कर देखा जा रहा है। ऐसा कयास लगाया जा रहा है कि वे एनडीए से अलग होकर आरजेडी से हाथ जा सकते हैं।

Published: 26 Aug 2018, 3:07 PM IST

वहीं आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने उपेंद्र कुशवाहा के बयान का स्वागत किया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, “नि:संदेह उपेन्द्र जी, स्वादिष्ट और पौष्टिक खीर श्रमशील लोगों की जरूरत है। पंचमेवा के स्वास्थ्यवर्धक गुण न केवल शरीर बल्कि स्वस्थ समतामूलक समाज के निर्माण में भी ऊर्जा देते हैं। प्रेम भाव से बनाई गई खीर में पौष्टिकता, स्वाद और ऊर्जा की भरपूर मात्रा होती है। यह एक अच्छा व्यंजन है।”

Published: 26 Aug 2018, 3:07 PM IST

लोकसभा चुनाव को लेकर बिहार में एनडीए के सहयोगियों में काफी दिनों से रस्साकशी चल रही है। इससे पहले सीट बंटवारे को लेकर नीतीश कुमार के कई बयान सामने आ चुके हैं। इस बीच उपेंद्र कुशवाहा के इस बयान से सियासी गलियरों में खलबली मच गई है।

इससे पहले एनडीए के सहयोगी दलों की ओर से पिछले महीने आयोजित डिनर में उपेंद्र कुशवाहा शामिल नहीं हुए थे। इसके बाद से यह कयास लगाए जा रहे हैं कि बिहार में एनडीए के सहयोगी दलों में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। इससे पहले कुशवाहा लालू यादव की सेहत का हाल जानने के लिए उनसे हाल ही मिल भी चुके हैं।

Published: 26 Aug 2018, 3:07 PM IST

बिहार में लोकसभा की 40 सीटें हैं। 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में एलजेपी, जेडीयू और और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी जैसे दल जो एनडीए के साथ हैं वह लगातार ज्यादा सीटों के लिए बीजेपी पर दबाव बना रहे हैं। 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में बीजेपी, एलजेपी और आरएलएसपी साथ मिलकर चुनाव लड़ी थीं, जिनमें बीजेपी को 22 सीटे, एलजेपी को 6 सीटे और आरएलएसपी को तीन सीटें मिली थीं।

Published: 26 Aug 2018, 3:07 PM IST

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Published: 26 Aug 2018, 3:07 PM IST