बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर महागठबंधन में शामिल राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने शनिवार को अपना चुनावी घोषणा पत्र जारी किया, जिसका नाम 'प्रण हमारा संकल्प बदलाव का' दिया गया है। घोषणा पत्र जारी करते हुए आरजेडी के नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि यह मात्र घोषणा पत्र नहीं बल्कि हमारा प्रण है, जो पूरा होगा।
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आरजेडी के इस घोषणा पत्र में जहां 10 लाख लोगों को सरकारी नौकरी देने का वादा किया गया है वहीं संविदा प्रथा को को पूरी तरह समाप्त किया जाएगा। घोषणा पत्र में 17 प्रतिबद्धताओं को सम्मिलित किया गया है, जिसमें रोजगार, कृषि, उद्योग, आधारभूत संरचना विकास, राज्य में सांस्कृतिक विरासत और रचनात्मक उद्योग, सामुदायिक विकास और गरीबी उन्मूलन और शिक्षा को विशेष स्थान दिया गया है।
घोषणा पत्र में स्वयं सहायता समूह को और मजबूत बनाने का वादा किया गया है और उच्च शिक्षा और रोजगार को भी स्थान दिया गया है। राज्य में किसी भी सरकारी नौकरी में स्थानीय नीति लागू करने का वादा करते हुए कम से कम 85 प्रतिशत आरक्षण स्थानीय अभ्यर्थियों के लिए सुनिश्चित करने की बात कही गई है।
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आरजेडी ने सभी को 'समान काम का समान वेतन' का भी वादा किया है और पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की बात कही है।
युवाओं को आकर्षित करने के लिए घोषणा पत्र में बिहारी युवाओं को सरकारी परीक्षा फॉर्म भरने का फीस नहीं लगने और उनके आने-जाने की यात्रा का किराया मुफ्त करने का वादा किया गया है।
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घोषणा पत्र जारी करते हुए तेजस्वी ने कहा, "यह हवा-हवाई बातें नहीं बल्कि इन वादों को पूरा करने का प्रण है।" उन्होंने कहा कि बिहार में सरकारी पद रिक्त है और उन्हें भर कर लोगों को नौकरी दी जा सकती है। तेजस्वी ने बीजेपी द्वारा घोषणा पत्र में 19 लाख रोजगार देने के वादे को बेवकूफ बनाने वाला बताया। उन्होंने बीजेपी से पूछा कि आखिर वे किसे बेवकूफ बना रहे हैें।
गौरतलब है कि आरजेडी इस चुनाव में कांग्रेस और वामपंथी दलों के साथ चुनावी मैदान में उतरी है।
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