एक तरफ जहां लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण के मतदान के बीच पूरे देश के मतदाताओं में उत्साह देखा जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ मधेपुरा में दो मतदान केंद्रों पर सन्नाटा पसरा है।
पीठासीन अधिकारी मतदान केंद्रों में धूल फांकते नजर आ रहे हैं। अधिकारी बस यही गुहार लगा रहे हैं कि कोई तो मतदान करने आ जाए, लेकिन शायद इस बार यहां की जनता ने खोखले वादे करने वाले नेताओं को कड़ा सबक सिखाने की कसम खा ली है।
जनता का कहना है कि हर नेता चुनाव के समय अपनी आमद दर्ज कराकर लुभावने वादे कर हमारा वोट ले लेता है, लेकिन जब मसला हमारी समस्याओं का निवारण करने का होता है, तो वो अपना पल्ला झाड़ लेता है। चुनाव प्रचार के दौरान चोली-दामन का साथ निभाने का दावा करने वाले इन नेताओं के पास जब हम चुनाव खत्म होने के बाद फरियाद लेकर पहुंचते हैं तो ये लोग 'हम आपके हैं कौन' वाली मुद्रा में जाते हैं। इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुए हमने इस बार मतदान के बहिष्कार का फैसला किया है।
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मधेपुरा सदर प्रखंड के मदनपुर पंचायत अंतर्गत वार्ड संख्या 11 कन्या मध्य विद्यालय मैनिरही बूथ संख्या 187 और मुरलीगंज प्रखंड के दिना पट्टी सखुआ पंचायत स्थित बूथ पर एक या दो नहीं, बल्कि 73 लोगों ने मतदान का बहिष्कार किया।
मतदाताओं ने बताया कि जिला मुख्यालय से करीब 3 किलोमीटर पर स्थित सड़क अभी तक खराब है। कई दफा अधिकारियों से इसे दुरूस्त करने की मांग की जा चुकी है, लेकिन आज तक किसी ने भी हमारी फरियाद नहीं सुनी।
मतदान केंद्रों में तैनात पीठासीन अधिकारियों ने कहा कि महज 5 लोग ही वोट करने आए, जबकि बूथ संख्या 187 पर मतदाताओं की संख्या एक हजार 62 है।
वहीं, बीडीओ सहित अन्य अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर लोगों को समझाने का प्रयास किया और उनसे मतदान करने की अपील की।
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