हालात

दलगत आधार पर नहीं होगा बिहार पंचायत चुनाव, राजनीतिक दलों के झंडे, बैनर का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे प्रत्याशी

आचार संहिता में प्रत्याशियों द्वारा राज्य में लागू शराबबंदी का भी पालन करना अनिवार्य किया गया है। इसके अलावा उम्मीदवार सरकारी, अर्धसरकारी परिसदनों, विश्रामगृहों, डाक बंगलों या अन्य आवासों का उपयोग भी चुनाव प्रचार के लिए नहीं कर सकेंगे।

फोटोः IANS
फोटोः IANS 

बिहार में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की घोषणा होने के बाद से ही गांवों में सरगर्मी बढ़ गई है। राज्य निर्वाचन आयोग ने चुनाव को लेकर अधिसूचना जारी कर दी है। आयोग इस चुनाव को शातिपूर्ण और निष्पक्ष ढंग से कराने के लिए पूरी तरह तैयार है। इसी क्रम में आयोग ने स्पष्ट किया है कि प्रत्याशी किसी भी राजनीति दल के झंडे, बैनर और नाम का चुनाव प्रचार के दौरान इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे।

Published: undefined

बिहार पंचायत आम निर्वाचन-2021 के लिए राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा जारी आदर्श आचार संहिता में कहा गया है कि राज्य में चुनाव दलगत आधार पर नहीं होना है, इसलिए किसी भी राजनीतिक दल के नाम पर या दल के झंडे या निशान की आड़ में चुनाव प्रचार का कार्य नहीं होना चाहिए। इसके अलावा उम्मीदवार सरकारी, अर्धसरकारी परिसदनों, विश्रामगृहों, डाक बंगलों या अन्य आवासों का उपयोग भी चुनाव प्रचार के लिए नहीं कर सकेंगे।

Published: undefined

सूत्रों का मानना है कि राज्य में पंचायत चुनाव हालांकि निर्दलीय ही होते हैं, लेकिन प्रत्याशियों को अमूमन किसी न किसी पार्टी का अप्रत्यक्ष रूप से समर्थन प्राप्त होता है। इस समस्या को देखते हुए आयोग ने राजनीतिक दलों के झंडे-बैनर को पूरी तरह से प्रतिबंधित किया है।

आचार संहिता में प्रत्याशियों द्वारा राज्य में लागू शराबबंदी का भी पालन करना अनिवार्य किया गया है। आदर्श आचार संहिता में कहा गया है कि किसी भी प्रत्याशी द्वारा न तो गैर कानूनी शराब खरीदी जाए और न ही किसी को पेश या वितरित किया जाए। प्रत्येक प्रत्याशी अपने कार्यकतार्ओं को भी ऐसा करने से रोकें।

Published: undefined

राज्य निर्वाचन आयोग के मुताबिक त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में छह पदों मुखिया, पंच, सरपंच, वार्ड सदस्य, पंचायत समिति सदस्य और जिला परिषद सदस्य के लिए मतदान होगा। इस चुनाव में पहले चरण के लिए 24 सितंबर को वोट डाले जाएंगे, जबकि 12 दिसंबर को 11वें तथा अंतिम चरण का मतदान होगा। बाढ़ क्षेत्रों में अंतिम चरणों में मतदान होंगे।

Published: undefined

गौरतलब है कि बिहार में वर्ष 2016 में गठित त्रि-स्तरीय पंचायती राज संस्थाएं और ग्राम कचहरियों को कोरोना के चलते समय पर चुनाव नहीं होने के कारण जून महीने में भंग कर दिया गया है। जून के पहले कोरोना के कारण चुनाव कराना संभव नहीं था, इसलिए जून के बाद पंचायत चुनाव तक पंचायत परामर्शी समिति का गठन किया गया है जो पंचायती राज के सारे काम कर रही है।

Published: undefined

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia

Published: undefined

  • छत्तीसगढ़: मेहनत हमने की और पीठ ये थपथपा रहे हैं, पूर्व सीएम भूपेश बघेल का सरकार पर निशाना

  • ,
  • महाकुम्भ में टेंट में हीटर, ब्लोवर और इमर्सन रॉड के उपयोग पर लगा पूर्ण प्रतिबंध, सुरक्षित बनाने के लिए फैसला

  • ,
  • बड़ी खबर LIVE: राहुल गांधी ने मोदी-अडानी संबंध पर फिर हमला किया, कहा- यह भ्रष्टाचार का बेहद खतरनाक खेल

  • ,
  • विधानसभा चुनाव के नतीजों से पहले कांग्रेस ने महाराष्ट्र और झारखंड में नियुक्त किए पर्यवेक्षक, किसको मिली जिम्मेदारी?

  • ,
  • दुनियाः लेबनान में इजरायली हवाई हमलों में 47 की मौत, 22 घायल और ट्रंप ने पाम बॉन्डी को अटॉर्नी जनरल नामित किया