बिहार के सीएम नीतीश कुमार कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए लॉकडाउन का सख्ती से पालन कराने का दावा करते हैं। वह बार-बार लॉकडाउन में प्रदेश से बाहर रह रहे मजदूरों और छात्रों के बिहार वापस लौटने का भी विरोध करते हुए इसकी इजाजत देने से इनकार करते हैं। लेकिन उनकी सरकार में ये सारे नियम केवल गरीबों और आम आदमी के लिए ही है। क्योंकि रसूखदारों को तो नीतीश सरकार ही पास जारी कर रही है। यही नहीं रसूखदारों के हनक का तो ये आलम है कि पुलिस वालों द्वारा गलती से पास मांग लेने पर उल्टे उन्हें ही उठक-बैठक करा दे रहे हैं।
ऐसा ही एक मामला अररिया जिले में सामने आया है। यहां के कृषि पदाधिकारी मनोज कुमार से ड्यूटी पर तैनात एक होमगार्ड जवान को पास दिखाने के लिए कहना मंहगा पड़ा गया। कृषि पदाधिकारी को बात इतनी नागवार गुजरी कि उन्होंने सजा के तौर पर उक्त जवान से बीच चौराहे पर उठक-बैठक करवाया, तब जाकर उनका गुस्सा शांत हुआ। बिहार में नेता विपक्ष तेजस्वी यादव ने घटना पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बिहार में अफ़सरशाही बेलगाम है। कैसे ज़िला कृषि अधिकारी एक बुज़ुर्ग होमगार्ड से उठक-बैठक करवा रहा है क्योंकि कर्तव्यपरायण होमगार्ड ने उससे गाड़ी का पास दिखाने को कहा था।
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इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद सकते में आई नीतीश सरकार ने मामले को गंभीरता से लेने का दावा करते हुए जांच के आदेश दिए हैं। वायरल वीडियो में अररिया के जिला कृषि पदाधिकारी मनोज कुमार एक चौकीदार के साथ दुर्व्यवहार करते और उससे कान पकड़कर उठक-बैठक करवाते दिख रहे हैं। कहा जा रहा है कि चौकीदार ने वाहन से जा रहे अधिकारी को पास दिखाने के लिए कहा था, जिस पर अधिकारी को गुस्सा आ गया।
कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने जांच के आदेश की जानकारी देते हुए कहा कि "अररिया में कृषि पदाधिकारी और चौकीदार का एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसको लेकर विभाग के वरिष्ठ अधिकारी को जांच के आदेश दिए गए हैं। जांच अधिकारी को 24 घंटे के अंदर रिपोर्ट देने को कहा गया है।" उन्होंने कहा कि अधिकारी द्वारा दुर्व्यवहार किया जाना आपत्तिजनक है। जांच में अगर अधिकारी दोषी पाए जाते हैं, तो जरूर कार्रवाई होगी।
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इस मामले पर राज्य के पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडेय ने भी कहा कि अधिकारी हो या कर्मचारी, सभी लोग रोज जान पर खेलकर कोरोना से जंग लड़ रहे हैं और ऐसे में उनके साथ हुई यह घटना शर्मनाक है। पुलिस विभाग ने इसकी जानकारी सरकार को दे दी है। उन्होंने कहा, "चौकीदार की इज्जत खराब कर कोई अधिकारी अपनी इज्जत बनाना चाहता है, तो यह शर्मनाक है। चौकीदार भी प्रशासन का अंग है।"
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