बिहार सरकार अब जहरीली शराब पीकर मरने वालों के परिजनों को चार लाख रुपए मुआवजा देगी। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को इसकी घोषणा करते हुए कहा कि एक अप्रैल 2016 से अब तक जितने लोगों की मौत हुई है, उनके परिजनों को ये सहायता राशि दी जाएगी। 1 अप्रैल 2016 यानी शराबबंदी लागू होने के बाद से जिनकी मृत्यु जहरीली शराब पीने से हुई है, उनके आश्रितों को मुख्यमंत्री राहत कोष से 4 लाख रुपये दिये जाएंगे।
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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि सामान्य तबके के गरीब परिवार के लोग जहरीली शराब पीकर मर जाते हैं, यह बहुत दु:खद है। अब जिस परिवार का कोई मरा है उस परिवार के लोग साफ तौर पर ये बता दें कि ये हमारे परिवार के सदस्य हैं और इन्होंने कहां से शराब खरीदकर पी थी। उन्होंने कहा कि ये सब लिखित रूप में जिलाधिकारी के यहां भेजना होगा।पीड़ित परिवार की ओर से ये सब लिखित में जिलाधिकारी के देने के बाद पीड़ित परिवार को मुख्यमंत्री राहत कोष से 4 लाख रुपये की मदद दी जाएगी।
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जहरीली शराब से हुई मौत से संबंधित पत्रकारों के प्रश्न के जवाब में मुख्यमंत्री ने दुख जताते हुए कहा कि कैसे कोई पी लेता है और मर भी जाता है। इतनी ज्यादा कोशिशों के बाद भी यह सब हो रहा है। पीड़ित परिवार को यह भी कहना होगा कि शराब नहीं पीनी चाहिए। हम सब लोगों को प्रेरित करेंगे कि शराब नहीं पीनी चाहिए। उन्होंने माना कि पिछले दो-तीन सालों से बार-बार समझाने के बावजूद लोग जहरीली शराब पीकर अपनी जान गंवा दे रहे हैं।
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जाति आधारित जनगणना पर पत्रकारों के सवाल पर नीतीश कुमार ने कहा कि जाति आधारित गणना तो हमलोग कर रहे हैं, लेकिन जातीय आधारित जनगणना की मांग हमने पहले केन्द्र से की थी। वर्ष 2011 में जो जनगणना हुई उसकी रिपोर्ट जारी नहीं की गई। उसके बारे में ये पता चला कि वो ठीक से नहीं हुई थी।
शराबबंदी के प्रभावी नियंत्रण पर पत्रकारों के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2016 में शराबबंदी लागू की गई और सभी पार्टियों की सहमति से इसे लागू किया गया था। उन्होंने कहा कि जहरीली शराब की भट्ठियों को ध्वस्त किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि शराबबंदी लागू होने के बाद से जो भी पीड़ित परिवार होंगे उन्हें मदद दी जाएगी।
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