बिहार में लगातार बिगड़ रही कानून-व्यवस्था पर अब जाकर नीतीश सरकार की नींद टूटी है। प्रदेश के गृह विभाग ने अपराध की घटनाओं पर लगाम लगाने और सभी जिलों को गंभीर श्रेणी के अपराधों पर नकेल कसने के लिए गिरफ्तारी से सजा दिलाने तक निर्देश देते हुए जिम्मेदारियां तय कर दी है।
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बिहार में 10 तरह के गंभीर अपराधों की श्रेणी में हत्या, डकैती, लूट, रंगदारी, चेन या मोबाइल छीनने, महिलाओं और एससी-एसटी के खिलाफ अपराध समेत सार्वजनिक स्थानों पर फायरिंग सहित अन्य अपराध शामिल हैं। गृह विभाग ने इसके लिए विस्तृत दिशानिर्देश जारी किए हैं। आदेश में गंभीर श्रेणी के अपराधों की रोजाना पुलिस मुख्यालय के स्तर पर मॉनिटरिंग करने को कहा गया है।
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आदेश दिया गया है कि जिला पुलिस अधीक्षक रोजाना इस बात की मॉनीटरिंग कर रिपोर्ट देखेंगे कि कितने अपराधी रोजाना गिरफ्तार हो रहे हैं और कितनों के खिलाफ रोजाना वारंट जारी किए जा रहे हैं। गृह विभाग ने डीएसपी और उससे ऊपर के अधिकारियों को नियमित अपने तहत के थानों का निरीक्षण करने को कहा है।
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इसके अलावा वारंट जारी होने और उसके निष्पादन होने तक की जानकारी रखने के निर्देश दिए गए हैं। गश्त करने को लेकर थानेदार की जिम्मेदारी तय की गई है। थाने में अगले 24 घंटे के रोस्टर तैयार रखने होंगे। गश्त करने वाली टीम को भी गश्त के दौरान किए गए कार्यों को एक रजिस्टर में लिखना अनिवार्य किया गया है। कोई घटना होने के लिए संबंधित थाना प्रभारी जिम्मेदार होंगे।
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