बिहार में एक बार फिर बड़ा सियासी उलटफेर हो गया है। राज्य में 22 महीने से सत्तारूढ़ बीजेपी-जेडीयू गठबंधन टूट गया है। सीएम नीतीश कुमार ने राज्यपाल फागू चौहान से मुलाकात कर मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ दे दिया है। इसके साथ ही उन्होंने बीजेपी से जेडीयू का गठबंधन तोड़ने का भी ऐलान कर दिया। राज्यपाल को इस्तीफा सौंपकर निकले नीतीश कुमार ने कहा कि पार्टी के सभी विधायकों ने बीजेपी से अलग होने का सामूहिक फैसला लिया, जिसके बाद यह निर्णय लिया गया।
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इससे पहले आज सीएम आवास पर हुई जेडीयू विधायकों की बैठक में नीतीश कुमार ने कहा कि बीजेपी ने हमेशा हमें कमजोर करने की कोशिश की। हमेशा हमें अपमानित किया। बैठक में कई विधायकों ने भी यही बात कही और कहा कि आगे इस गठबंधन का जारी रहना पार्टी के लिए ठीक नहीं होगा। मुख्यमंत्री आवास पर जेडीयू विधायकों, सांसदों की हुई बैठक में बीजेपी के साथ गठबंधन तोड़ने पर मुहर लग गई और सभी विधायकों ने फैसला नीतीश कुमार पर छोड़ दिया था।
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इसके बाद तेजी से बदलते घटनाक्रम के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चार बजे राजभवन पहुंचे और राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया। इसके साथ ही राज्य में नई सरकार के गठन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। यह लगभग तय है कि जेडीयू एक बार फिर महागठबंधन के दलों के साथ मिलकर सरकार बनाएगी। इस बीच आज पटना में आरजेडी विधायकों की भी बैठक हुई, जिसमें सभी विधायकों ने आरजेडी नेता तेजस्वी यादव का समर्थन किया है।
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गौरतलब है कि जेडीयू और बीजेपी ने 2020 का बिहार विधानसभा चुनाव साथ मिलकर लड़ा था। ज्यादा सीटें मिलने के बावजूद बीजेपी को नीतीश कुमार को सीएम बनाना पड़ा था। सरकार बनने के बाद से ही दोनों दलों के बीच खटपट चल रही थी। कई बार कई मुद्दों पर दोनों पार्टी के सुर अलग-अलग दिखे थे, जो अंततः गठबंधन में दरार तक पहुंच गया। इसके बाद आज शाम राज्यपाल से मुलाकात कर नीतीश कुमार ने इस्तीफा सौंप दिया और बीजेपी से नाता भी तोड़ लिया।
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