बिहार में ऐसे तो सभी जिलों में कोरोना की दूसरी लहर में संकमण तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन पटना में कोरोना की रफ्तार अब गांवों की ओर बढ़ने लगी है। सरकार और जिला प्रशासन संक्रमण को रेाकने के लिए हरसंभव प्रयास में जुटा है।
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों पर गौर करें तो पटना में इस महीने की शुरूआत यानी एक अप्रैल को सक्रिय मरीजों की संख्या 750 थी जो 18 अप्रैल को बढ़कर 12,531 पहुंच गई है।
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आंकड़ों पर गौर करें तो पटना जिले में इस महीने एक-दो दिनों को छोड दें तो पटना में संक्रमितों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। पटना में एक अप्रैल को 174 नए मरीज मिले थे, जबकि 10 अप्रैल को पटना में 1,431 मरीजों की पुष्टि हुई थी।
इसके बाद 11 अप्रैल को मरीजों की संख्या में कमी आई। 11 अप्रैल को 1,382 नए मरीज थे, जबकि 12 अप्रैल को यह रफ्तार और थमी और उस दिन मात्र 1,197 मरीजों की ही पुष्टि हुई। इसके बाद 15 अप्रैल को पटना में 2,105 नए मरीज मिले और 18 अप्रैल को सर्वाधिक 2,290 मरीजों की पुष्टि की गई। मरीजों की संख्या बढ़ने के बाद सक्रिय मरीजों की संख्या में भी वृद्धि दर्ज की जा रही है।
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पटना में अब तक 511 संक्रमितों की मौत हो चुकी है।
चिकित्सकों को कहना है कि कोरोना संक्रमण बढ़ने का सबसे बड़ा कारण लापरवाही है। चिकित्सक कहते हैं कि अब भी लोग नहीं संभले तो आने वाले दिनों में स्थिति और बिगड़ेगी। इस बीच, आंकडों पर गौर करें तो पटना के ग्रामीण क्षेत्रों में भी संक्रमित लोगों के मिलने का सिलसिला जारी है।
सूत्रों के मुताबिक बख्तियारपुर, पुनपुन और बिहटा में भी रविवार को कोरोना पांजिटिव पाए गए हैं। सूत्रों का कहना है कि कई लोग ऐसे भी पाजिटिव पाए गए हैं जो अन्य राज्यों से आए हैं।
इधर, स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि सभी इलाकों में कोरोना जांच अभियान को तेज कर दिया गया है। लोगों को होम कोरोन्टीन रहने की भी सलाह दी जा रही है, जिस्की स्वास्थ्यकर्मी द्वारा निगरानी की जा रही है।
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