बिहार में गर्मी के मौसम में तेजी से गिरते जलस्तर को लेकर सरकार चिंतित नजर आ रही है और अब इसके लिए कदम उठाए जा रहे हैं। सरकार ने अब भूजल गिरते स्तर की निगरानी और साप्ताहिक समीक्षा का निर्देश दिया है। इसके अलावा जल बचत के लिए प्रशिक्षण भी देने की कवायद चल रही है। भीषण गर्मी के कारण पिछले साल के मुकाबले इस साल राज्य के 24 जिलों में भूजल स्तर नीचे चला गया है। लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग को जिलों से प्राप्त रिपोर्ट में यह बात सामने आई है। 31 मार्च तक की स्थिति पर तैयार रिपोर्ट में कहा जाता है कि गर्मी के कारण भूजल स्तर में तेजी से गिरावट आई है।
विभाग के मुताबिक, नालंदा जिले के बिहारशरीफ में वर्ष 2022 में मार्च के अंत में भूजल स्तर 25.6 फुट नीचे था, जो इस साल 38.7 फुट नीचे चला गया है। विभाग द्वारा राज्य के 28 जिलों की रिपोर्ट जारी की गई है, जिनमें मात्र तीन जिलों में भूजल स्तर पिछले साल की अपेक्षा ऊपर है।
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इधर, सरकार अब राज्य में पानी की बचत और उसके क्वालिटी के लिए विभागीय स्तर पर प्रशिक्षण देने की योजना बनाई है।
बिहार सरकार के विभिन्न विभागों में काम करने वाले कर्मचारी ट्रेनिंग के दौरान पानी की बचत के तरीके सीखने के साथ ही पानी की क्वालिटी के विषय में जानकारी लेंगे।
ट्रेनिंग के बाद कर्मचारी संबंधित क्षेत्र में काम करने के दौरान लोगों को पानी की बचत की जानकारी देंगे। पीएचईडी विभाग की ओर से शिक्षा, स्वास्थ्य, पथ निर्माण, ग्रामीण विकास, पंचायती राज सहित सभी विभागों समन्वय स्थापित किया जा रहा है।
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इसके साथ ही पीएचईडी विभिन्न विभागों के पास पानी से प्रभावित समस्याओं के आकड़े एकत्रित करेगी। इसके आधार विशेष क्षेत्रों में होने वाली परेशानियों को दूर किया जाएगा।
इधर, विभाग के मंत्री ललित यादव का कहना है कि गर्मी के दिनों में लोगों को पेयजल की समस्या नहीं हो इसके लिए लगातार उपाय किए जा रहे हैं। इसके अलावा पानी के बचत के लिए भी कारगर योजना बनाई जा रहीं है।
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