देश में कोरोना वायरस का कहर बढ़ता ही जा रहा है। आलम ये है कि सरकारी व्यवस्थाएं कम पड़ने लगी हैं। बेड और ऑक्सीजन के अभाव में लोगों की मौत हो रही है। इसी बीच बिहार की राजधानी पटना से दिल दहलाने वाली खबर सामने आई है। पटना के एनएमसीएच में लखीसराय से आए एक कोरोना पॉजिटिव वृद्ध मरीज की मौत भर्ती होने से पहले ही एंबुलेंस में हो गई। रोते-बिलखते स्वजनों का आरोप था कि बेड खाली नहीं होने की बात कह कर मरीज को भर्ती करने में देरी की गई। यह घटना तब घटी जब प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय इसी अस्पताल का निरीक्षण करने पहुंचे थे।
Published: 14 Apr 2021, 3:02 PM IST
वहीं इस घटना को लेकर अस्पताल प्रबंधन अलग दावा कर रहा है। दैनिक जागरण की खबर के मुताबिक अस्पताल के अधीक्षक डॉ. विनोद कुमार सिंह ने कहा कि भर्ती होने से पहले ही जिस मरीज की मौत हुई है, उसकी हालत काफी गंभीर थी। लेकिन खबर है कि एनएमसीएच में कोरोना के सामान्य मरीजों को भर्ती नहीं लिया जा रहा है। कुछ बेड यहां अस्पताल के कर्मचारियों के लिए सुरक्षित रखे जाने की बात कही जा रही है।
Published: 14 Apr 2021, 3:02 PM IST
इस पूरी घटना के बारे में मृतक के बेटे का कहना है कि वो अपने पिता विनोद कुमार सिंह को गंभीर स्थिति में लखीसराय से एम्बुलेंस में लेकर सोमवार की शाम को पटना एम्स पहुंचा, लेकिन एम्स के डॉक्टरों ने उनके पिता को भर्ती करने से इंकार कर दिया। जिसके बाद उन्हें एक निजी अस्पताल ले जाया गया। लेकिन उनकी गंभीर हालत को देखते हुए डॉक्टरों ने एनएमसीएच ले जाने की सलाह दी।
Published: 14 Apr 2021, 3:02 PM IST
मृतक के बेटे अभिमन्यु के मुताबिक जिसके बाद वो अपने पिता को लेकर मंगलवार की सुबह एनएमसीएच पहुंचा। लेकिन एनएमसीएच में कर्मियों ने यह कहते हुए भर्ती करने से मना कर दिया कि अभी स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय यहां आने वाले हैं। मंत्री के जाने के बाद ही नए मरीजों को भर्ती किया जाएगा। इसपर अभिमन्यु ने एनएमसीएच कर्मचारियों से कम से कम बरामदे में ही अपने पिता को रखने लेने की गुहार लगाई। पर स्वास्थ्य कर्मियों ने इस बात से इंकार कर दिया। इस सब का रिजल्ट ये निकला कि इस भीषण गर्मी में एम्बुलेंस के अंदर ही उनके पिता ने दम तोड़ दिया। मीडिया कर्मियों ने स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय का इस लापरवाही की ओर ध्यान दिलाया तो वे अस्पताल में मौजूद अच्छी स्वास्थ्य सुविधा का हवाला देते रह गए और मामले को टाल गए। खबरों के मुताबिक मंत्र जी इस घटना के कुछ ही घंटे बाद पश्चिम बंगाल में चुनाव प्रचार करने चले गए। उन्हें राज्य के लोगों के स्वास्थ्य की नहीं बल्कि चुनाव में अपनी पार्टी की जीत की ज्यादा चिंता थी।
Published: 14 Apr 2021, 3:02 PM IST
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Published: 14 Apr 2021, 3:02 PM IST