बिहार प्रदेश कांग्रेस कमिटी का एक शिष्टमंडल ने शुक्रवार को पटना में राज्यपाल से मिलकर राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें केंद्र सरकार को प्रत्येक दिन एक करोड़ लोगों को वैक्सीन लगाए जाने और एकीकरण मुफ्त वैक्सीनेशन को लेकर निर्देश जारी करने का अनुरोध किया गया है। कांग्रेस के शिष्टमंडल ने राजभवन में राज्यपाल की अनुपस्थिति में उनके कार्यालय के अधिकारियों को यह ज्ञापन सौंपा।
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ज्ञापन सौंपने के बाद पत्रकारों से चर्चा करते हुए कांग्रस के बिहार प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मदन मोहन झा ने बताया कि कोविड-19 महामारी से लड़ाई और इस बीमारी को राष्ट्रीय स्तर पर हराए जाने का एकमात्र रास्ता टीकाकरण ही है। केंद्र सरकार को वैक्सीन निर्यात पर आड़े हाथों लेते हुए प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि जब देश को वैक्सीन की जरूरत थी तो इसे विदेशों में भेजा जा रहा था और देश में इसके लिए केंद्र से लेकर राज्य सरकारों और निजी अस्पतालों के लिए अलग अलग मूल्य निर्धारित करके मुनाफाखोरी और आपदा में अवसर की तलाश की जा रही थी।
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ज्ञापन में वैक्सीनेशन की रणनीति को भारी भूलों का खतरनाक कॉकटेल बताया गा है। ज्ञापन में कहा गया है कि बीजेपी सरकार ने 'वैक्सीनेशन की योजना' बनाने का अपना कर्तव्य ही भूला दिया। मदन मोहन झा ने आरोप लगाया, "केंद्र सरकार ने जान-बूझकर एक 'डिजिटल डिवाईड' पैदा किया, जिससे वैक्सीनेशन की प्रक्रिया धीमी हो गई। केंद्र सरकार ने 'विभिन्न कीमतों के स्लैब' बनाने में जानबूझ कर मिलीभगत की, यानी एक ही वैक्सीन के लिए अलग-अलग कीमतें तय की, जिससे आम आदमी से आपदा में लूट की जा सके।"
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बिहार कांग्रेस के छह सदस्यीय शिष्टमंडल में प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मदन मोहन झा के अलावा विधायक दल के नेता अजीत कुमार शर्मा, कार्यकारी अध्यक्ष कौकब कादरी, डॉ. अशोक राम, मीडिया विभाग के चेयरमैन राजेश राठौड़ और पूर्व युवा कांग्रेस अध्यक्ष कुमार आशीष थे।
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