देश के साथ-साथ बिहार की राजधानी पटना में भी बुराई पर अच्छाई का पर्व विजयदशमी पूरे धूमधाम से संपन्न हो गया। लेकिन बुराई पर अच्छाई की जीत के लिए ऐतिहासिक गांधी मैदान में रखे गए रावण वध कार्यक्रम में राज्य के मुखिया सीएम नीतीश कुमार बिल्कुल अकेले नजर आए। रावण वध के दौरान उनकी गठबंध सरकार में सहयोगी बीजेपी का कोई भी नेता उनके साथ नजर नहीं आया। यहां तक कि बीजेपी में उनके सबसे करीबी माने जाने वाले और राज्य के डिप्टी सीएम सुशील मोदी भी कार्यक्रम में नहीं आए। एक तरह से बीजेपी नेताओं ने इस कार्यक्रम से पूरी तरह किनारा ही कर लिया।
Published: 08 Oct 2019, 9:00 PM IST
दरअसल हर साल की तरह इस बार भी विजयादशमी के मौके पर मंगलवार को पटना के गांधी मैदान में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मौजूदगी में 75 फीट लंबे रावण का पुतला दहन कार्यक्रम रखा गया था। तय समय पर सीएम नीतीश कुमार कार्यक्रम में जरूर पहुंचे और रावण दहन भी विधिवत संपन्न् हो गया, लेकिन पूरे कार्यक्रम में नीतीश कुमार अकेले-अकेले नजर आए। निमंत्रण के बावजूद बीजेपी का कोई भी नेता इक कार्यक्रम में नहीं पहुंचा। हालांकि कार्यक्रम के दौरान बीजेपी का कोई नेता तो मौजूद नहीं था, लेकिन कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा समते कई बड़े नेता जरूर कार्यक्रम में मौजूद रहे।
Published: 08 Oct 2019, 9:00 PM IST
हालांकि, बताया जा रहा है कि कार्यक्रम के निमंत्रण पत्र पर बिहार के डिप्टी सीएम और नीतीश कुमार के बेहद करीबी सुशील मोदी का भी नाम था, लेकिन वे कार्यक्रम में नहीं आए। सुशील मोदी के अलावा भी नीतीश सरकार में शामिल बीजेपी का कोई नेता इस कार्यक्रम में नहीं पहुंचा। हालांकि, गांधी मैदान में यह कार्यक्रम हर साल आयोजित होता है, और हर साल तमाम बीजेपी नेता इसमें शरीक होते रहे हैं। अब ऐसे में इस बार बीजेपी नेताओं का नीतीश कुमार के साथ मंच साझा करने से किनारा करना कई सवाल खड़े करता है।
Published: 08 Oct 2019, 9:00 PM IST
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Published: 08 Oct 2019, 9:00 PM IST