2020 में बिहार में विधानसभा चुनाव होने हैं, लेकिन अभी से चर्चा है कि नीतीश कुमार बीजेपी का साथ छोड़ एक बार फिर से महागठबंधन का दामन थाम सकते हैं। इतना ही नहीं कहा जा रहा है कि इस चुनाव की रणनीति तैयार करने की जिम्मेदारी फिर से प्रशांत किशोर को दी जा सकती है। दरअसल लंबे समय के बाद झारखंड में नीतीश कुमार के साथ चुनावी मंच पर प्रशांत किशोर यानि PK नजर आए। बिहार जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह की मानें तो वह आगामी विधानसभा चुनाव में वह जेडीयू की स्ट्रेटेजी तैयार करने जा रहे हैं।
Published: 18 Sep 2019, 12:54 PM IST
जेडीयू नेता वशिष्ठ नारायण सिंह ने हिंदी न्यूज चैनल ‘न्यूज 18’ से बात करते हुए कहा, 'प्रशांत किशोर जेडीयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं। जब पूरी पार्टी वर्ष 2020 में चुनाव में लगेगी तो स्वाभाविक है कि वह भी लगेंगे ही।’
Published: 18 Sep 2019, 12:54 PM IST
वहीं पीके की एंट्री की खबर पर बीजेपी में भी हलचल है। हालांकि, बीजेपी ये जता रही है कि चुनाव में पीके कोई फैक्टर नहीं होंगे। पीके को लेकर बीजेपी भले ही इत्मीनान में होने की बात दिखाने की कोशिश कर रही हो, लेकिन हकीकत यह है कि उनकी रणनीतियों का नतीजा ही था कि साल 2015 में धुर विरोधी लालू यादव और नीतीश कुमार एक साथ आए थे। हालांकि, अभी तक न तो जेडीयू और न ही आरजेडी की तरफ से गठबंधन को लेकर कोई साकारत्मक संकेत मिले हैं।
Published: 18 Sep 2019, 12:54 PM IST
वहीं राजनीति के जानकारों का मानना है कि जेडीयू प्रशांत किशोर को बिहार की राजनीति में फिर से सक्रिय कर बीजेपी पर दबाव बनाने की कोशिश में है। हालांकि, बीजेपी का कहना है कि उनके आने से कोई असर नहीं पड़ेगा।
Published: 18 Sep 2019, 12:54 PM IST
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Published: 18 Sep 2019, 12:54 PM IST