सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार को बड़ी राहत देते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा उनके खिलाफ शुरू की गई मनी लॉन्ड्रिंग केस में जांच को रद्द कर दिया है। न्यायमूर्ति सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली पीठ कर्नाटक हाईकोर्ट के उस फैसले के खिलाफ कांग्रेस नेता की एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें ई़डी के समन को रद्द करने से इनकार कर दिया गया था।
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ईडी ने आईटी विभाग द्वारा दायर आरोप पत्र के आधार पर शिवकुमार, दिल्ली में कर्नाटक भवन के एक कर्मचारी हौमनथैया और अन्य के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत जांच शुरू की थी। ईडी ने दावा किया था कि जांच के दौरान शिवकुमार से संबंधित कथित तौर पर लगभग 200 करोड़ रुपए की बेहिसाब नकदी का पता चला है।
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ईडी ने दावा किया था कि पैसा शिवकुमार के नियंत्रण वाले 20 बैंकों के 317 से अधिक बैंक खातों में जमा किया गया था। ईडी ने शिवकुमार से जुड़ी 800 करोड़ रुपए से अधिक की बेनामी संपत्तियों की खोज का भी आरोप लगाया।
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इस मामले में शिवकुमार को 3 सितंबर, 2019 को गिरफ्तार किया गया था। हालांकि, उन्हें अक्टूबर 2019 में दिल्ली हाई कोर्ट ने जमानत दे दी थी। मई 2022 में, ईडी ने इस मामले में उनके खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था। मनी लॉंड्रिंग मामले में ईडी की जांच को रद्द करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले को शिवकुमार की बड़ी जीत माना जा रहा है।
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