पश्चिम बंगाल में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए पूरा जोर लगाए हुए बीजेपी को चुनावों से पहले राज्य में बड़ा झटका लगा है। दार्जिलिंग में बड़ी ताकत माने जाने वाले गोरखा जनमुक्ति मोर्चा ने 11 साल बाद एनडीए से अलग होने का ऐलान कर दिया है। साल 2017 से अंडरग्राउड चल रहे मोर्चा के नेता बिमल गुरुंग ने बुधवार को एक प्रेस कांफ्रेंस कर एनडीए का साथ छोड़ने का ऐलान कर दिया।
Published: undefined
बिमल गुरुंग ने कोलकाता के एक होटल में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि उनके संगठन ने एनडीए से बाहर होने का फैसला किया है। उन्होंने बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर कई आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी सरकार अपने वादे पूरे करने में नाकाम रही है। गुरुंग ने कहा कि मोदी सरकार पहाड़ी क्षेत्र का स्थायी राजनीतिक समाधान तलाशने में नाकाम रही है। साथ ही बीजेपी सरकार ने 11 गोरखा समुदायों को अनुसूचित जनजाति के तौर पर चिन्हित करने के अपने वादे को पूरा नहीं किया है।
Published: undefined
गुरुंग ने कहा कि हम ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं, इसलिए आज एनडीए छोड़ रहे हैं। साथ ही उन्होंने 2021 में होने वाले पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में बीजेपी के खिलाफ ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस का समर्थन करने का ऐलान किया। 150 से अधिक मामलों में 3 साल से फरार चल रहे गुरुंग ने कहा कि अगर मैं गिरफ्तार हो गया तो कोई दिक्कत नहीं। गुरुंग पर सभी मामले गोरखा आंदोलन को लेकर दर्ज हैं।
Published: undefined
बता दें कि पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग के पहाड़ी क्षेत्र में गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के नेता बिमल गुरंग की अच्छी पकड़ है। बिमल गुरुंग के समर्थन से ही बीजेपी कई सालों से दार्जिलिंग लोकसभा सीट पर जीत दर्ज करती आ रही है। इससे पहले 2016 के बंगाल चुनाव में मोर्चा ने तीन सीटों पर चुनाव लड़ा था और उसे तीनों सीटों पर जीत मिली थी। ऐसे में इस बार गुरुंग के ममता बनर्जी के साथ आने से बीजेपी को इसे इलाके में बड़ा झटका लग सकता है।
Published: undefined
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: undefined