पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में स्वच्छ भारत अभियान के नाम घोटला सामने आया है। खबरों के मुताबिक, कई लोगों द्वारा शौचालय का निर्माण ना कराकर उसके पैसों को निजी रुप से इस्तेमाल कर लिया गया। बताया जा रहा है कि वाराणसी जिले में शहरी और ग्रामीण इलाकों में 2 लाख 76 हजार शौचालय बनाने का लक्ष्य रखा गया था, इसके लिए सरकार ने पूरी मदद भी की। लेकिन जब शौचालय की संख्या को लेकर जांच शुरु हुई तो कई खुलासे सामने आए। हालात यह है कि कागज पर आकंड़े कुछ और जमीन पर कुछ ओर।
Published: 09 Sep 2019, 1:21 PM IST
खबरों के मुताबिक, अब तक की जांच में शहरी क्षेत्र के 6 हजार में से 900 ऐसे लोग चिह्नित हुए हैं, जिन्होंने शौचालय न बनवाकर सरकारी धन का गबन किया है। जिलाधिकारी सुरेंद्र सिंह ने इन सभी के खिलाफ एफआईआर कराने का आदेश दिया है। गबन करने वालों की थानावार सूची तैयार की जा रही है। यही वजह है कि इस खुलासे के बाद प्रशासन ने अब पूरे जिले में शौचालयों के निर्माण की जांच के लिए 350 नोडल अधिकारी नियुक्त किए हैं। इसके साथ ही दोषी लोगों को चिन्हित कर उनके खिलाफ भू-राजस्व की तरह वसूली और एफआईआर दर्ज कराने की कार्रवाई शुरू की गई है।
Published: 09 Sep 2019, 1:21 PM IST
वहीं वाराणसी के ग्रामीण इलाके में मेंहदीपुर गांव में भी शौचालयों को निर्माण में धांधली का मामला सामने आया है। सीडीओ गौरांग राठी ने बताया कि मेंहदीपुर में आधे से ज्यादा शौचालय कागज पर ही बने मिले। ऐसे में ग्राम प्रधान बीन शर्मा और तीन सचिव के खिलाफ गबन किए गए सरकारी धन की वसूली के लिए नोटिस जारी करके वसूली की तैयारी की जा रही है।
Published: 09 Sep 2019, 1:21 PM IST
गौरतलब है कि पीएम मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में अस्सी घाट पर फावड़ा चलाकर, झाड़ू लगाकर और मुस्हर बस्ती में ‘इज्जत घर’ यानी शौचालयों की नींव रखकर स्वच्छता अभियान की शुरुआत की थी। यहीं के लोगों ने इस अभियान में पलीता लगा दिया है।
Published: 09 Sep 2019, 1:21 PM IST
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Published: 09 Sep 2019, 1:21 PM IST