बिहार में पटना नगर निगम में 900 कर्मचारी पिछले कई दिनों से 'गायब' हैं। अब इस मामले में दोषी कर्मचारियों और आउटसोसिर्ंग कंपनी पर कार्रवाई करने की बात कही जा रही है। दरअसल, यह मामला तब सामने आया जब जब बायोमेट्रिक अटेंडेंस प्रारंभ हुआ। पटना नगर निगम क्षेत्र में 75 वाडरें में आउटसोर्स के जरिए 2200 सफाईकर्मी कार्यरत बताए गए। बताया जाता है कि इन सफाई कर्मियों की हाजिरी पहले रजिस्टर में दर्ज होती थी, लेकिन अधिकांश सफाईकर्मियों के गायब रहने की शिकायत नगर आयुक्त अनिमेष पराशर तक पहुंची तब उन्होंने सख्ती बरतनी प्रारंभ की।
इसके तहत मई महीने में बायोमीट्रिक उपस्थिति दर्ज करना अनिवार्य कर दिया गया। इसके बाद 900 सफाईकर्मी लगातार अनुपस्थित पाए गए। सूत्रों का कहना है कि पूर्व में इनकी उपस्थिति लगातार होती थी।
इस गड़बडी का पता चलने के बाद नगर आयुक्त ने कार्रवाई के आदेश दिए हैं। पराशर ने कहा कि 2200 सफाईकर्मियों में से 900 कर्मी सिर्फ कागज पर पाए गए हैं। उन्होंने कहा कि इनके वेतन को लेकर बडे बंदरबांट के मामले सामने आने की आशंका जताते हुए कहा कि जांच की जा रही है। इसमें आउटसोसिर्ंग एजेंसी के साथ-साथ अन्य जो भी शामिल होंगे उनपर कार्रवाई की जाएगी।
पराशर भी मानते हैं कि कागजों पर सफाईकर्मियों के रहने के कारण सफाई पर भी प्रभाव पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि जल्द ही 900 सफाईकर्मियों की बहाली की जाएगी।
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इधर, सफाई मजदूरों के बैंक खाते के भी जांच के आदेश दिए गए हैं। नगर आयुक्त की मानें तो फर्जी सफाईकर्मी के बैंक खाते की तो जांच होगी तो, उन सफाईकर्मियों और कर्मचारियों पर भी गाज गिरनी तय है जो इन खातों से पैसों की निकासी करते थे।
नगर आयुक्त ने बताया कि एक जून से नई व्यवस्था लागू करेंगे। वार्ड स्तर पर हाजिरी बनेगी। सख्त नजर रहेगी। दोषी पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। एक हजार नए मजदूरों को सफाई कार्य में लगाएंगे। सफाई व्यवस्था पर बेहतर प्रभाव पड़ेगा।
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