असम के नगांव जिले में बड़ा बवाल हुआ है। जिले के बटादरावा पुलिस थाने में स्थानीय लोगों की भीड़ ने आग लगा दी। पुलिस थाने में रखे समाना जलकर राख हो गए। इस दौरान भीड़ ने पुलिस कर्मियों के साथ मारपीट भी की। मारपीट में दो पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए। बताया जा रहा है कि पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए स्थानीय युवक की मौत के बाद भीड़ गुस्सा गई। इसके बाद भीड़ ने थाने पर हमला कर दिया और आग लगा दी।
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आग से थाने में रखे हथियार, मोटरसाइकिल, आधिकारिक दस्तावेज जलकर राख हो गए। कई घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद भीषण आग पर काबू पाया जा सका। भीड़ ने उसी परिसर में नए पुलिस स्टेशन की इमारत को भी भारी नुकसान पहुंचाया है।
नगांव जिले एसपी लीना डोले और अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी स्थिति को काबू में करने के लिए बटाद्रवा पहुंचे। एसपी ने कहा कि घटना की जांच की जा रही है। घायल पुलिस कर्मियों में से दो को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
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पूरी घटना पर राज्य के डीजीप भास्कर ज्योति महंत का बयान आया है। पुलिस हिरासत में युवक की मौत पर डीजीपी ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “हम सफीकुल इस्लाम की दुर्भाग्यपूर्ण मौत को बहुत गंभीरता से ले रहे हैं। बटाद्रबा थानाध्यक्ष के ओसी को निलंबित कर दिया है। अगर हमारी ओर से कोई गड़बड़ी हुई है तो कार्रवाई की जाएगी। दोषियों की तलाश की जा रही है। कानून के अनुसार, उन्हें दंडित किया जाएगा।”
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डीजीपी ने आगे कहा, “स्थानीय असामाजिक तत्वों ने कानून को अपने हाथ में लिया और पुलिस स्टेशन को जला दिया। हमें नहीं लगता है कि यह मृतकों के शोकग्रस्त रिश्तेदार हैं, लेकिन जैसा कि हमने पहचाना है, वे बुरे चरित्र और उनके रिश्तेदार आपराधिक रिकॉर्ड वाले थे। रिकॉर्ड भी पुलिस स्टेशन के अंदर थे।”
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