केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने अपने स्कूलों को सर्कूलर जारी कर राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 के अनुरुप बहुभाषी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए शिक्षा के वैकल्पिक माध्यम के रूप में क्षेत्रीय भाषाओं का उपयोग करने पर विचार करने को कहा है, जिससे सीबीएसई से संबद्ध स्कूलों में अब प्री-प्राइमरी से 12वीं कक्षा तक क्षेत्रीय भाषाओं में पढ़ाने की व्यवस्था होगी। सीबीएसई ने कहा है कि यह पहल बहुभाषी शिक्षा की नींव को और मजबूत करेगी।
सीबीएसई के निदेशक (शैक्षणिक) जोसेफ इमैनुएल ने स्कूलों को भेजे पत्र में कहा, "भारतीय भाषाओं के जरिये शिक्षा की पहल के मद्देनजर, सीबीएसई से संबद्ध स्कूल अन्य मौजूदा विकल्पों के अलावा एक वैकल्पिक माध्यम के रूप में, भारतीय संविधान की अनुसूची 8 में दर्ज 22 भारतीय भाषाओं को शामिल करने पर विचार कर सकते हैं, जो प्री-प्राइमरी से 12वीं क्लास तक एक वैकल्पिक माध्यम है।" इमैनुएल ने कहा कि इसके लिए स्कूल उपलब्ध संसाधनों का पता लगा सकते हैं, क्षेत्र के एक्सपर्ट्स से बात कर सकते हैं और सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने के लिए अन्य स्कूलों के साथ सहयोग कर सकते हैं।
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सीबीएसई की इस पहल पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने ट्वीट कर 12वीं तक भारतीय भाषाओं में शिक्षा का विकल्प देने के लिए सीबीएसई को बधाई दी है। उन्होंने ट्वीट में लिखा, “अपने सभी स्कूलों में बालवाटिका से कक्षा 12वीं तक भारतीय भाषाओं में शिक्षा का विकल्प उपलब्ध कराने के लिए सीबीएसई को बधाई देता हूं। एनईपी की परिकल्पना के अनुरूप यह विद्यालयों में भारतीय भाषा आधारित शिक्षा को बढ़ावा देगा। शिक्षा में बेहतर परिणाम की दिशा में यह एक अच्छी शुरुआत है।
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राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत बहुभाषी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए शिक्षा मंत्रालय और नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशन, रिसर्च एंड ट्रेनिंग (एनसीईआरटी) ने कई भारतीय भाषाओं में शिक्षा शुरू करने के लिए कई कदम उठाए हैं, जिसके बाद बोर्ड ने अपने स्कूलों को उपलब्ध संसाधनों का उपयोग करने और एक-दूसरे के साथ सहयोग करने के लिए कहा है। इससे पहले कक्षा 6वीं तक की पढ़ाई क्षेत्रीय भाषाओं में कराने पर विचार किया जा रहा था, लेकिन इसे अब 12वीं कक्षा तक की पढ़ाई में इंप्लीमेंट किया जा सकता है।
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इसके लिए स्कूलों में पढ़ाई जाने वाली एनसीईआरटी की किताबें भी भारत की क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध होंगी। शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक, भारतीय संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल 22 भाषाओं में एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तकों को विकसित किया जाएगा। बीते दिनों केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल 22 भाषाओं में पाठ्यपुस्तकों को विकसित करने के लिए कहा है। इन किताबों को भारत की 22 अलग-अलग भाषाओं में जल्द से जल्द उपलब्ध कराए जाने की योजना है। शिक्षा मंत्रालय की इस महत्वपूर्ण परियोजना का मकसद देशभर के छात्रों को उनकी ही क्षेत्रीय भाषा में शिक्षा उपलब्ध कराना है।
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