मध्य प्रदेश सरकार की वादाखिलाफी से नाराज अध्यापकों ने कल यानी रविवार को विधानसभा का घेराव करने और सोमवार से आमरण-अनशन का ऐलान किया है। राज्य अध्यापक संघ के अध्यक्ष जगदीश यादव ने शनिवार को बताया, “अध्यापक संवर्ग को स्कूल शिक्षा विभाग के समान सहायक शिक्षक, शिक्षक और व्याख्याता पदनाम वेतन सहित कई सुविधाएं दिए जाने की मुख्यमंत्री ने घोषणा की थी। लेकिन इसके विपरीत प्राथमिक शिक्षक, माध्यमिक शिक्षक और उच्च माध्यमिक शिक्षक बनाए जाने के मंत्रिमंडल के निर्णय में उन सुविधाओं का जिक्र ही नहीं है।”
जगदीश यादव के अनुसार, आक्रोशित राज्य अध्यापक संघ ने रविवार 24 जून को विधानसभा का घेराव करने और 25 जून से आमरण अनशन की घोषणा की है। प्रदेश भर के लाखों अध्यापक शाहजहानी पार्क में एकत्र होंगे। अध्यापक महासंघ और संघर्ष समिति ने भी इस आंदोलन का समर्थन किया है।
उन्होंने बताया कि यह आंदोलन ‘अध्यापक आंदोलन मध्यप्रदेश’ के बैनर तले किया जाएगा। उनकी मांग है कि अध्यापकों का शिक्षा विभाग में संविलियन करते हुए सहायक शिक्षक, शिक्षक और व्याख्याता बनाया जाए, उन्हें सातवें वेतनमान का लाभ जनवरी 2016 से मिले, सेवा की निरंतरता मानते हुए पुरानी पेंशन, बीमा, ग्रेच्युटी का लाभ जैसी सुविधाओं को दिया जाए।
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उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री ने 21 जनवरी को अपने निवास बुलाकर घोषणा की थी कि अध्यापकों का स्कूल शिक्षा विभाग में संविलियन कर केवल एक काडर बनाया जाएगा और समस्त लाभ दिए जाएंगे। लेकिन 29 मई की कैबिनेट बैठक में वे इस घोषणा से मुकर गए। एक अलग काडर बनाने का निर्णय लिया और पदनाम प्राथमिक शिक्षक, माध्यमिक शिक्षक और उच्च माध्यमिक शिक्षक करने का निर्णय लिया। सेवा में नियुक्ति भी जुलाई 2018 से मान्य होगी। यह निर्णय वादों के खिलाफ है।”
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