हालात

हाथरस भगदड़ के बाद 'भोले बाबा' फरार, तलाश में जुटी पुलिस, घटनास्थल पर फॉरेंसिक-डॉग स्क्वायड यूनिट, अब तक 121 की मौत

हादसे के बाद भोले बाबा मैनपुरी के बिछवां स्थित अपने राम कुटीर चैरिटेबल ट्रस्ट आश्रम में पहुंचे थे। शाम तक यूपी पुलिस 'भोले बाबा' की तलाश में उनके मैनपुरी आश्रम पहुंची। आश्रम में पुलिस ने सर्च ऑपरेशन चलाया, लेकिन भोले बाबा आश्रम में नहीं मिले।

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया 

उत्तर प्रदेश के हाथरस में सत्संग के दौरान मची भगदड़ में अब तक 121 लोगों की जान जा चुकी है। मामले की जांच जारी है। हाथरस में घटनास्थल पर फॉरेंसिक यूनिट और डॉग स्क्वायड मौजूद हैं। भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), 2023 की धारा 105, 110, 126(2), 223 और 238 के तहत 'मुख्य सेवादार' कहे जाने वाले देवप्रकाश मधुकर और उस धार्मिक कार्यक्रम के अन्य आयोजकों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है जहां भगदड़ हुई थी।

Published: undefined

वहीं, भगदड़ के बाद से 'भोले बाबा' फरार हैं। उनकी तलाश में पुलिस मैनपुरी आश्रम पहुंची थी। लेकिन 'भोले बाबा' वहां नहीं मिले। बताया जा रहा है कि हादसे के बाद भोले बाबा मैनपुरी के बिछवां स्थित अपने राम कुटीर चैरिटेबल ट्रस्ट आश्रम में पहुंचे थे। शाम तक यूपी पुलिस 'भोले बाबा' की तलाश में उनके मैनपुरी आश्रम पहुंची। आश्रम में पुलिस ने सर्च ऑपरेशन चलाया, लेकिन भोले बाबा आश्रम में नहीं मिले। मैनपुरी के डीएसपी सुनील कुमार सिंह के मुताबिक, परिसर के अंदर बाबा नहीं मिले। वह वहां नहीं हैं।

हाथरस में कल भगदड़ तब मची जब श्रद्धालु भोले बाबा की चरण रज लेने के लिए उनके काफिले के पीछे दौड़ पड़े। सेवादारों ने लोगों को रोकने की कोशिश, इसी दौरान भगदड़ मच गई और लोग एक दूसरे के ऊपर गिरते-पड़ते भीड़ से बाहर निकलने की कोशिश करने लगे। मृतकों में ज्यादातर महिलाएं और बच्चे शामिल हैं।

Published: undefined

भोले बाबा का असली नाम सूरजपाल है। वह कासगंज जिले के बहादुर नगर के रहने वाले हैं। सुरजपाल ने वर्ष 1990 के दशक के आखिर में एक पुलिसकर्मी के रूप में अपनी नौकरी छोड़ दी और आध्यात्मिकता की ओर रुख किया। इसके बाद उन्होंने सत्संग करना शुरू किया। बताया जाता है कि सुरजपाल उर्फ भोले बाबा की कोई संतान भी नहीं है। अपनी पत्नी को भी अपने साथ सत्संग में ले जाते हैं।

सत्संग के दौरान व्यवस्था की जिम्मेदारी बाबा के स्वयंसेवक की होती है। हाथरस में आयोजित भोले बाबा के सत्संग में भी भीड़ को मैनेज करने की जिम्मेदारी उनके स्वयंसेवक के पास ही थी। सिकंदराराऊ के सब डिविजनल मजिस्ट्रेट रवेंद्र कुमार के अनुसार, हादसा तब हुआ जब कार्यक्रम खत्म होने के बाद श्रद्धालुओं ने भोले बाबा की एक झलक पाने की कोशिश की। वे बाबा के चरणों के आसपास से कुछ मिट्टी भी इकट्ठा करना चाहते थे। स्वयंसेवकों ने लोगों को रोकने की कोशिश की। इसी दौरान भगदड़ मच गई।

Published: undefined

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia

Published: undefined

  • छत्तीसगढ़: मेहनत हमने की और पीठ ये थपथपा रहे हैं, पूर्व सीएम भूपेश बघेल का सरकार पर निशाना

  • ,
  • महाकुम्भ में टेंट में हीटर, ब्लोवर और इमर्सन रॉड के उपयोग पर लगा पूर्ण प्रतिबंध, सुरक्षित बनाने के लिए फैसला

  • ,
  • बड़ी खबर LIVE: राहुल गांधी ने मोदी-अडानी संबंध पर फिर हमला किया, कहा- यह भ्रष्टाचार का बेहद खतरनाक खेल

  • ,
  • विधानसभा चुनाव के नतीजों से पहले कांग्रेस ने महाराष्ट्र और झारखंड में नियुक्त किए पर्यवेक्षक, किसको मिली जिम्मेदारी?

  • ,
  • दुनियाः लेबनान में इजरायली हवाई हमलों में 47 की मौत, 22 घायल और ट्रंप ने पाम बॉन्डी को अटॉर्नी जनरल नामित किया