भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में पुणे पुलिस द्वारा जून में गिरफ्तार सुरेंद्र गाडलिंग की पत्नी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। गाडलिंग समेत चार अन्य लोगों की रिहाई के लिए उन्होंने याचिका दायर की है।
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याचिका में उन्होंने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने जिस तरह इस हफ्ते गिरफ्तार हुए लोगों को राहत दी है, उसी तरह की राहत जून में गिरफ्तार लोगों को भी दी जानी चाहिए क्योंकि उन्हें भी उसी एफआईआर के तहत गिरफ्तार किया गया था। सुप्रीम कोर्ट इस याचिका पर 6 सितंबर को सुनवाई कर सकता है।
भीमा कोरेगांव मामले में इस हफ्ते गिरफ्तार 5 मानवाधिकार कार्यकर्ताओं, वकीलों और लेखकों को बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम राहत दी थी और 6 सितंबर तक उनके ट्रांजिट रिमांड पर रोक लगाते हुए उन्हें अपने घर में नजरबंद रखने का आदेश दिया था।
चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यों की पीठ ने रोमिला थापर, देवकी जैन, प्रभात पटनायक, सतीश देशपांडे और माया दारूवाला की ओर से दायर याचिका पर यह आदेश दिया था।
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इस बीच एक बार फिर से महाराष्ट्र पुलिस के एडीजी पीबी सिंह ने कहा है कि 31 दिसंबर 2017 के कार्यक्रम को लेकर 8 जनवरी 2018 को एक केस दर्ज किया गया था। उस कार्यक्रम में भड़काने वाले भाषण दिए गए थे। जांच में यह पाया गया था कि माओवादी संगठनों के द्वारा एक बड़े विवाद को खड़ा करने की कोशिश की जा रही था और सारे आरोपी उस मकसद में उनकी मदद कर रहे थे।
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