कांग्रेस ने 14 जनवरी से 20 मार्च तक 6,200 किमी की दूरी तय करने वाली 'भारत न्याय यात्रा' की घोषणा की है। इस यात्रा को लेकर पार्टी के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने कहा कि यात्रा संविधान की प्रस्तावना के पहले स्तंभ पर आधारित है। भारत के संविधान पर बार-बार होने वाले हमलों को सफल नहीं होने दिया जाएगा।
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जयराम रमेश ने अपने एक्स अकाउंट से पोस्ट किया, ''भारत के संविधान की प्रस्तावना, जिसके डॉ. अम्बेडकर प्रमुख शिल्पकार थे, अपने सभी नागरिकों के लिए सुनिश्चित करने का वचन देती है- सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक न्याय, विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता, प्रतिष्ठा और अवसर की समता प्राप्त कराने के लिए। तथा, उन सब में व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता एवं अखंडता सुनिश्चित करने वाली बंधुता बढ़ाने के लिए।''
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जयराम रमेश ने आगे कहा कि राहुल गांधी के नेतृत्व में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा- जिसमें वह 7 सितंबर 2022 को कन्याकुमारी से 31 जनवरी 2023 तक श्रीनगर तक चले थे- प्रस्तावना के स्वतंत्रता, समानता और भाईचारे के स्तंभों पर आधारित थी। भारत न्याय यात्रा प्रस्तावना के पहले स्तंभ, 'सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय' पर आधारित है। संविधान पर बार-बार हो रहे हमलों को किसी भी क़ीमत पर सफल नहीं होने दिया जाएगा!
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जयराम रमेश की यह टिप्पणी कांग्रेस द्वारा बुधवार को 14 जनवरी से 20 मार्च तक राहुल गांधी के नेतृत्व में मणिपुर से मुंबई तक 'भारत न्याय यात्रा' की घोषणा के बाद आई है। इस बार राहुल गांधी 14 राज्यों में 6,200 किलोमीटर की यात्रा करेंगे। 'भारत न्याय यात्रा' का कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे 14 जनवरी 2024 को मणिपुर से शुभारंभ करेंगे, जो 14 राज्यों के 85 जिलों से गुजरते हुए 20 मार्च 2024 को महाराष्ट्र में समाप्त होगी।
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