पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को कोलकाता में टीएमसी की 'शहीद दिवस' रैली के लिए राज्य भर के गांवों और कस्बों से उमड़े हजारों तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए मणिपुर में जारी हिंसा, महिलाओं से बर्बरता, बिलकिस बानो और पहलवानों के यौन उत्पीड़न मामलों को लेकर बीजेपी पर हमला करते हुए कहा कि बीजेपी का 'बेटी बचाओ' नारा अब 'बेटी जलाओ' में बदल गया है। साथ ही उन्होंने आशंका जताई कि 'शहीद दिवस' कार्यक्रम के बाद केंद्रीय जांच एजेंसियां राज्य में फिर से सक्रिय हो सकती हैं।
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ममता बनर्जी ने कहा, ''बीजेपी ने 'बेटी बचाओ' नारा दिया था, अब आपका नारा कहां है? हम मणिपुर के लोगों के प्रति अपनी एकजुटता व्यक्त करते हैं। आज मणिपुर जल रहा है, पूरा देश जल रहा है। बिलकिस बानो मामले में आरोपियों को जमानत पर रिहा कर दिया गया। पहलवानों के यौन उत्पीड़न मामले में बृज भूषण सिंह को भी जमानत मिल गई। बीजेपी का 'बेटी बचाओ' अब 'बेटी जलाओ' में बदल गया है। ममता ने कहा कि टीएमसी को कोई कुर्सी नहीं चाहिए, लेकिन हम सिर्फ यह चाहते हैं कि यह बीजेपी सरकार जाए। उन्होंने ऐलान किया कि हम विपक्षी गठबंधन INDIA के बैनर तले केंद्र के खिलाफ विरोध प्रदर्शन आयोजित करेंगे।
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रैली को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी ने आशंका जताई कि केंद्रीय जांच एजेंसियां राज्य में फिर से सक्रिय हो सकती हैं। उन्होंने कहा कि वार्षिक 'शहीद दिवस' कार्यक्रम के तुरंत बाद उनकी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई तेज हो सकती है। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम की सफलता के बाद केंद्रीय एजेंसियों को फिर से सक्रिय किया जा सकता है। हम इनसे अच्छी तरह वाकिफ हैं। लेकिन हम ऐसी धमकियों से नहीं डरेंगे और अन्याय के खिलाफ अपना संघर्ष जारी रखेंगे। मैं चुनौतियों को स्वीकार करने में विश्वास रखती हूं।
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यहां बता दें कि पिछले साल 23 जुलाई की सुबह शहीद दिवस कार्यक्रम के 48 घंटे से भी कम समय बाद अपनी पहली बड़ी कार्रवाई में प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों ने राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री और टीएमसी महासचिव पार्थ चटर्जी को करोड़ों रुपये के स्कूल भर्ती मामले में उनकी कथित संलिप्तता के सिलसिले में गिरफ्तार किया था। पिछले साल शहीद दिवस कार्यक्रम का संचालन चटर्जी ने ही किया था।
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कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि राज्य में हाल ही में संपन्न पंचायत चुनावों में हिंसा की कुछ घटनाएं विपक्षी दलों द्वारा रची गई थी। उन्होंने कहा कि 71,000 से अधिक बूथों पर चुनाव हुए और हिंसा की घटनाएं सीमित क्षेत्रों में हुई। इस बार के चुनाव पिछले वाम मोर्चा शासन के दौरान ग्रामीण निकाय चुनावों में होने वाले नरसंहार की तुलना में ज्यादा शांतिपूर्ण थे। उन्होंने पश्चिम बंगाल की छवि को ''जानबूझकर खराब करने'' के लिए मीडिया पर भी तीखा हमला बोला।
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