पश्चिम बंगाल में आर जी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की अपनी मृतक सहकर्मी के लिए न्याय की मांग कर रहे आंदोलनकारी चिकित्सकों ने शुक्रवार को धमकी दी कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं तो 22 अक्टूबर को राज्य के सभी चिकित्सक हड़ताल करेंगे।
चिकित्सकों ने कहा कि वे अन्य राज्यों में अपने सहकर्मियों के साथ बातचीत कर रहे हैं और इस मुद्दे पर मंगलवार को देशव्यापी हड़ताल भी हो सकती है।
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कनिष्ठ चिकित्सकों ने कहा कि वे वरिष्ठ चिकित्सकों के साथ मिलकर राज्य सरकार को अपनी मांगें पूरी करने के लिए 21 अक्टूबर तक की समयसीमा दे रहे हैं।
आंदोलनकारी कनिष्ठ चिकित्सकों में से एक देबाशीष हलदर ने संवाददाताओं से कहा, "हम चाहते हैं कि मुख्यमंत्री (ममता बनर्जी) चर्चा के लिए बैठें और हमारी सभी मांगों को लागू करें।"
उन्होंने यहां कनिष्ठ चिकित्सकों और उनके वरिष्ठों के बीच हुई बैठक के बाद कहा, "जब तक ऐसा नहीं किया जाता, सरकारी और निजी दोनों अस्पतालों के सभी कनिष्ठ और वरिष्ठ चिकित्सक मंगलवार को हड़ताल पर जाने के लिए मजबूर होंगे।" हलदर ने कहा कि उनके सहकर्मी अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन अनशन जारी रखे हुए हैं।
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मृतक महिला चिकित्सक के लिए न्याय और कार्यस्थल पर सुरक्षा की मांग को लेकर आंदोलनकारी चिकित्सकों का आमरण अनशन शुक्रवार को 14वें दिन में प्रवेश कर गया।
एक प्रदर्शनकारी चिकित्सक ने बताया कि अनशन करने वाले अब तक छह कनिष्ठ चिकित्सकों को उनकी हालत बिगड़ने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया है। एक अन्य प्रदर्शनकारी चिकित्सक सायंतनी घोष हाजरा ने सवाल उठाया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी उनसे मिलने क्यों नहीं आईं। हाजरा पांच अक्टूबर से अनशन पर हैं। हलदर ने कहा कि कनिष्ठ चिकित्सक सोमवार को विभिन्न अस्पतालों में प्रदर्शन भी करेंगे।
हलदर ने कहा कि प्रदर्शनकारी चिकित्सक रविवार को एक बड़ी रैली करेंगे और उन्होंने नागरिकों से इसमें शामिल होने की अपील की।
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