पश्चिम बंगाल में 8 जुलाई को होने वाले पंचायत चुनाव को लेकर जारी हिंसा में शुक्रवार सुबह मुर्शिदाबाद जिले में स्थानीय कांग्रेस नेता अरबिंदो मंडल की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई। इस हत्या का आरोप सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं पर लगा है। वहीं, इस घटना के बाद पंचायत चुनाव कार्यक्रम के जारी होने के बाद से पिछले 29 दिनों में चुनाव पूर्व हिंसा में मौतों की कुल संख्या 18 पहुंच गई है, जिनमें से चार अकेले मुर्शिदाबाद जिले से बताई गई हैं।
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विडंबना यह है कि यह घटना उसी दिन हुई जब पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस जिले के हिंसाग्रस्त इलाकों का दौरा करने के लिए आज मुर्शिदाबाद में हैं। पीड़ित के परिजनों और कांग्रेस के जिला नेतृत्व ने आरोप लगाया है कि मंडल का पहले स्थानीय तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने पीछा किया और फिर पीट-पीटकर हत्या कर दी। हालांकि, स्थानीय तृणमूल नेतृत्व ने आरोपों से इनकार किया है।
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संपर्क करने पर, कांग्रेस नेता और कलकत्ता उच्च न्यायालय के वकील कौस्तव बागची ने कहा कि मालूम नहीं सत्तारूढ़ दल और राज्य चुनाव आयोग कितनी और मौतों से संतुष्ट होंगे। उन्होंने कहा, ''पूरा प्रशासन पंगु हो गया है और चुनाव आयोग सत्तारूढ़ दल के हाथों की कठपुतली की तरह काम कर रहा है।'' पिछले 30 दिन में चुनाव पूर्व 18 मौतों की सूचना मिलने से हर कोई आशंकित है कि शनिवार को मतदान के दिन क्या स्थिति होगी।
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वहीं राज्यपाल ने राज्य चुनाव आयुक्त राजीव सिन्हा पर गुरुवार को ही तीखा हमला करते हुए लगातार जारी हिंसा के लिए उन्हें जिम्मेदार ठहराया था। राज्यपाल ने कहा कि हमने फसलों की सुरक्षा के लिए बाड़ लगा दी। जब बाड़ ही फसल खा जाए तो हम क्या करें? अगर इन पंचायत चुनावों में लोकतंत्र मर गया है तो हत्यारा कौन है? क्या राज्य चुनाव आयुक्त कृपया अपना हाथ उठाएंगे? आपको पता होना चाहिए कि हत्यारा कौन है।''
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