जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हो हटाए हुए 5 अगस्त को पूरा हो रहा है। आर्टिकल 370 निरस्त होने की पहली वर्षगांठ से पहले कश्मीर घाटी में सुरक्षा कारणों से दो दिवसीय कर्फ्यू लगाया गया है। सूत्रों ने बताया कि यह फैसला श्रीनगर में सोमवार को हुई सुरक्षा कोर समूह की बैठक में लिया गया। बैठक की अध्यक्षता सेना के श्रीनगर मुख्यालय के 15 कोर के जीओसी लेफ्टिनेंट जनरल बी.एस. राजू ने की।
Published: 04 Aug 2020, 10:59 AM IST
सूत्रों ने कहा कि यह फैसला इस विशेष जानकारी के बाद लिया गया कि अलगाववादी और पाकिस्तान प्रायोजित समूह हिंसक विरोध प्रदर्शन करने की योजना बना रहे है, जिससे सार्वजनिक व्यवस्था खतरे में पड़ सकती है।
मेडिकल इमरजेंसी और वैध पहचान पत्र और पास रखने वाले सरकारी कर्मचारियों को धारा 144 सीआरपीसी के तहत लगाए गए इन प्रतिबंधों से छूट दी गई है। इससे पहले, जिला अधिकारियों ने इसी तरह के कारणों का हवाला देते हुए श्रीनगर जिले में कर्फ्यू लगा दिया था।
Published: 04 Aug 2020, 10:59 AM IST
कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने के एक साल बाद भी पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती समेत घाटी के कई नेता अभी भी नजरबंद है। महबूबा मुफ्ती की नजरबंदी बीते शुक्रवार को तीन महीने के लिए बढ़ा दी गई थी। पब्लिक सेफ्टी एक्ट के तहत यह फैसला लिया गया था। पिछले साल 5 अगस्त को राज्य से अनुच्छेद 370 हटाया गया था। उस दिन आधी रात को महबूबा समेत जम्मू-कश्मीर के सैकड़ों नेताओं को हिरासत में ले लिया गया था। इसके बाद से ही वे नजरबंद हैं।
महबूबा के साथ ही हिरासत में लिए गए पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला को रिहा किया जा चुका है। फारूक को 15 मार्च को रिहा किया गया था। वहीं, उमर को इसके 10 दिन बाद 25 मार्च को रिहा किया गया था। रिहाई के बाद उमर ने सभी नेताओं की नजरबंदी खत्म करने की मांग की थी।
(आईएएनएस के इनपुट के साथ)
Published: 04 Aug 2020, 10:59 AM IST
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: 04 Aug 2020, 10:59 AM IST