अपनी मांगों को लेकर किसानों का विशाल हुजूम दिल्ली की ओर कूच कर चुका है। इस कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने किसानों के मुद्दे पर घेरा है। उन्होंने कहा कि हमारा किसान आंदोलन को पूरा समर्थन है। न डरेंगे, न झुकेंगे।
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उन्होंने कहा कि कंटीले तार, ड्रोन से आंसू गैस, कीले और बंदूक़ें…सबका है इंतज़ाम, तानाशाही मोदी सरकार ने किसानों की आवाज़ पर जो लगानी है लगाम। याद है ना “आंदोलनजीवी” और “परजीवी” कहकर किया था बदनाम, और 750 किसानों की ली थी जान? 10 सालों में मोदी सरकार ने देश के अन्नदाताओं से किए गए अपने तीन वादे तोड़े हैं।
उन्होंने कहा कि 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी स्वामीनाथन रिपोर्ट के मुताबिक़ Input Cost + 50% MSP लागू करना MSP को क़ानूनी दर्जा अब समय आ गया है 62 करोड़ किसानों की आवाज़ उठाने का। छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में आज कांग्रेस पार्टी “किसान न्याय” की आवाज़ उठाएगी। हमारा किसान आंदोलन को पूरा समर्थन है। न डरेंगे, न झुकेंगे !
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इस बार किसान वहीं से अपनी बात को आगे बढ़ाना चाह रहे हैं। इस बार उन्होंने करीब एक दर्जन मांगें सामने रखी हैं। इनमें मुख्य मांग है स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश के मुताबिक सभी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर एक कानून लाना।
इसके अलावा अन्य मांगें हैं - किसानों और मजदूरों के लिए पूरी तरह से ऋण माफी, लखीमपुर खीरी हत्याकांड के लिए जिम्मेदार लोगों को सजा और प्रभावित किसानों को न्याय, पिछले किसान आंदोलन में मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को नौकरी, किसानों और खेत मजदूरों के लिए पेंशन, भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 2013 को फिर से लाना, विश्व व्यापार संगठन से भारत को निकाल लेना और सभी मुक्त व्यापार संधियों पर बैन लगा देना, मनरेगा को खेती से जोड़ा जाना, साल में 200 दिन रोजगार की गारंटी और 700 रुपए दिहाड़ी दिया जाना।
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