मोदी की हुकूमत में नीरव मोदी, मेहुल चोकसी और विजय माल्या द्वारा बैंकों के साथ हाजारों करोड़ रुपये की धोखाधड़ी किए जाने के बाद भी इस तरह के मामले में थमे नहीं हैं। सार्वजनिक सभाओं में भले ही पीएम मोदी धोखाधड़ी करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की बात कर रहे हों, लेकिन इसका जमीन पर कोई असर दिखाई नहीं दे रहा है। सरकारी बैंकों के साथ धोखाधड़ी को लेकर आरटीआई से बड़ा खुलासा हुआ है। चंद्रशेखर गौड की आरटीआई का जवाब देते हुए आरबीआई ने बताया कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में सरकारी बैंकों के साथ फर्जीवाड़े के 2,480 मामले सामने आए हैं। इससे बैंकों को 31,898.63 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
Published: 10 Sep 2019, 1:13 PM IST
आरबीआई के मुताबिक, इस धोखाधड़ी में एसबीआई को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। एसबीआई के साथ धोखाधड़ी के 1,197 मामले सामने आए हैं। इसमें बैंक को 12,012.77 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। एसबीआई के बाद जिसके साथ सबसे ज्यादा धोखाधड़ी हुई है वह इलाहाबाद बैंक है। इलाहाबाद बैंक के साथ 381 फर्जीवाड़े के मामले सामने आए हैं। इसमें बैंक को 2,855.66 करोड़ चपत लगी है। वहीं पंजाब नैशनल बैंक को 2,526.55 करोड़ रुपये का नुकसान झेलना पड़ा है।
Published: 10 Sep 2019, 1:13 PM IST
आरबीआई द्वारा दिए गए आंकड़ों के अनुसार, बैंक ऑफ बड़ौदा के साथ भी धोखाधड़ी के 75 मामले सामने आए हैं, जिसमें बैंक को 2,297.05 करोड़ रुपये की चपत लगी है। वहीं ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स के साथ धोखाधड़ी के 45 मामलों में 2,133 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। इसके अलावा सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया और केनरा बैंक समेत करीब सभी सरकारी बैंक पहली तिमाही में धोखाधड़ी के शिकार हुए हैं।
Published: 10 Sep 2019, 1:13 PM IST
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Published: 10 Sep 2019, 1:13 PM IST