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योगी सरकार में आजम खान भू-माफिया घोषित, 10 दिनों के अंदर 23 मुकदमें दर्ज, एसपी सांसद बोले- मेरे खिलाफ साजिश

उत्तर प्रदेश के रामपुर से सपा सांसद आजम खान को राज्य सरकार ने भू-माफिया घोषित किया है। उनपर किसानों का जमीन हड़पने का आरोप है। रामपुर प्रशासन ने राज्य सरकार के एंटी-भू माफिया पोर्टल पर आजम खान को सूचीबद्ध कर दिया है।

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया 

समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और सांसद आजम खां को रामपुर में भू माफिया घोषित किया गया है। जौहर विश्वविद्यालय के लिए किसानों की जमीनें कब्जाने के आरोप में फंसे आजम खां को प्रशासन ने भूमाफिया घोषित कर दिया है। इस मामले को लेकर रामपुर के एसपी अजय पाल शर्मा ने बताया कि अब तक आजम खान पर जमीन हड़पने और कब्जा करने से संबंधित कुल 23 मुकदमे दर्ज हो चुके हैं।

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पुलिस अधीक्षक डाक्टर अजय पाल शर्मा का कहना है, “आजम खां के खिलाफ दर्ज मुकदमों की विवेचना तीन सदस्यीय स्पेशल टीम करेगी। विवेचना पूरी तरह निष्पक्ष होगी। उन्होंने बताया कि भूमाफिया और हिस्ट्रीशीटर में अंतर होता है। हिस्ट्रीशीट उनकी खोली जाती है, जो अपराध करने के आदी हैं। उनके फरार होने की आशंका है।

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वहीं जिला अधिकारी आन्जनेय कुमार सिंह ने बताया कि शासनादेश के मुताबिक ऐसे लोगों को भूमाफिया घोषित किया जाता है जो दबंगई से जमीनों पर कब्जा करने के आदी हैं। जो लोग अवैध कब्जे को छोड़ने के लिए तैयार नहीं हैं और जिनके खिलाफ पुलिस में केस दर्ज है उनका ही नाम उत्तर प्रदेश एंटी भू माफिया पोर्टल पर दर्ज कराया जाता है। सरकार भी इसकी निगरानी करती है।

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वहीं आजम खान ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उनके खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर फर्जी है और यह बदले की भावना से किया जा रहा है। आजम ने सफाई देते हुए कहा कि लोग शिक्षा के लिए जमीन देते हैं लेकिन बीजेपी इसे जमीन छीनने के लिए काम कर रही है। उन्होंने कहा कि चंद बीघा जमान का झगड़ा खड़ा किया जा रहा है जिसकी रजिस्ट्री 12-14 साल पहले हो चुकी है और पेमेंट भी कर दिया था।

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उपजिलाधिकारी सदर प्रेम प्रकाश तिवारी ने बताया कि आजम खां का नाम भू माफिया पोर्टल पर दर्ज करा दिया गया है। आगे की कार्रवाई नियमानुसार की जाएगी।

उपजिलाधिकारी की ओर से आजम का नाम उत्तर प्रदेश एंटी भू माफिया पोर्टल पर दर्ज कराया गया है। आजम खां के खिलाफ एक सप्ताह के दौरान जमीन कब्जाने के 13 मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। इनमें एक मुकदमा 12 जुलाई को प्रशासन की ओर से दर्ज कराया गया, जिसमें कहा गया है कि आलिया गंज के 26 किसानों ने जमीन कब्जाने का आरोप लगाया है।

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उन्होंने आगे बताया कि इन सभी किसानों ने जिला अधिकारी को शपथ पत्र के साथ शिकायत दर्ज कराई थी कि आजम खां ने उनकी जमीन जबरन जौहर यूनिवर्सिटी में मिला ली है। तत्कालीन सीओ सिटी आले हसन खां ने उन्हें डराया धमकाया। इतना नहीं आले हसन ने हवालात में बंद किया। इसके अलावा चरस और स्मैक में जेल भेजने की धमकी दी। इसी कारण उन्होंने शुरू में शिकायत करने की हिम्मत नहीं जुताई। यह मामला दर्ज करते ही पुलिस ने उसी रात मोहम्मद अली जौहर विवि में मुख्य सुरक्षा अधिकारी बने आले हसन खान के आवास पर छापा मारा। उस समय आले हसन हाथ नहीं लग सके, लेकिन पुलिस उनके बेटे को गिरफ्तार करके ले गई।

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आले हसन के बेटे और पत्नी के खिलाफ भी सरकारी कार्य में बाधा डालने का मुकदमा दर्ज कराया गया। इसके बाद आलिया गंज के उन सभी 26 किसानों ने अजीम नगर थाने में अलग-अलग तहरीर दी। इनमें से 12 किसानों की तहरीर पर पुलिस रिपोर्ट दर्ज कर चुकी है, जबकि 14 किसानों की तहरीर पर रिपोर्ट दर्ज करने की तैयारी है। इससे पहले एक जून को भी प्रशासन ने आजम खान और मुख्य सुरक्षा अधिकारी आले हसन खां के खिलाफ कोसी नदी क्षेत्र की पांच हेक्टेयर सरकारी जमीन कब्जाने और सरकारी कार्य में बाधा डालने का मुकदमा दर्ज कराया था। इस तरह आजम खान और आले हसन खान के खिलाफ जमीन कब्जाने के पुलिस में 14 मुकदमे दर्ज हो चुके हैं।

(आईएएनएस के इनपुट के साथ)

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