समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने रविवार को अदालत से अनुरोध किया कि वह अयोध्या में नाबालिग लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार मामले की संवेदनशीलता और गंभीरता को देखते हुए इसका स्वतः संज्ञान ले और अपनी निगरानी में दुष्कर्म पीड़िता की सुरक्षा सुनिश्चित करे।
अखिलेश यादव ने यह भी कहा कि इस घटना का राजनीतिकरण करने की गलत मंशा रखने वाले लोगों के इरादे कभी सफल नहीं होने चाहिए।
उन्होंने 'एक्स' पर लिखा, "बलात्कार पीड़िता के लिए सरकार अच्छे-से-अच्छा चिकित्सीय प्रबंध कराए। बालिका के जीवन की रक्षा की ज़िम्मेदारी सरकार की है।"
समाजवादी पार्टी प्रमुख ने कहा, "माननीय न्यायालय से विनम्र आग्रह है कि वह स्वत: संज्ञान लेकर स्थिति की संवेदनशीलता और गंभीरता को देखते हुए अपने पर्यवेक्षण में पीड़िता की हर संभव सुरक्षा सुनिश्चित करवाए।"
उन्होंने अपने पोस्ट में किसी का नाम लिए बगैर कहा, "बदनीयत लोगों का इस तरह की घटनाओं का राजनीतिकरण करने का मंसूबा कभी कामयाब नहीं होना चाहिए।"
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अखिलेश यादव ने अयोध्या में नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी समाजवादी पार्टी कार्यकर्ता मोईद खान और उसके नौकर राजू खान का डीएनए परीक्षण कराने की शनिवार को मांग की थी, जिसे लेकर विवाद खड़ा हो गया था।
बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की प्रमुख मायावती ने अखिलेश के इस बयान पर सवाल किया था कि समादवादी पार्टी शासन में ऐसे मामलों में कितने आरोपियों का डीएनए परीक्षण किया गया था।
अखिलेश यादव ने 'एक्स' पर कहा था, "कुकृत्य के मामले में जिन पर भी आरोप लगे हैं, उनका डीएनए टेस्ट कराकर इंसाफ का रास्ता निकाला जाए, न कि केवल आरोप लगाकर सियासत की जाए। जो भी दोषी हो, उसे कानून के हिसाब से पूरी सजा दी जाए, लेकिन अगर डीएनए टेस्ट के बाद आरोप झूठे साबित हों, तो सरकार के संलिप्त अधिकारियों को भी न बख्शा जाए। यही न्याय की मांग है।" अन्य सपा नेताओं ने भी मामले में नार्को परीक्षण की मांग की।
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