केरल के सबरीमाला में के कपाट खुले 10 दिन हो चुके हैं, लेकिन अब तक मंदिर में किसी महिला को प्रवेश करने नहीं दिया गया है। 10 साल की नाबालिग लड़की से लेकर 50 साल की महिलाओं के मंदिर में प्रवेश करने नहीं दिया जा रहा है। इस बीच महिलाओं के प्रवेश की संभावनाओं को देखते हुए यहां पर हलचल तेज हो गई है। इसी साल जनवरी के महीने में सबरीमाला मंदिर में पहली बार प्रवेश करने वाली दो महिलाओं में से एक, बिन्दू अम्मिनी पर मिर्ची पाउडर फेंका गया है। अम्मिनी ने कहा, “आज सुबह एर्नाकुलम शहर के पुलिस आयुक्त कार्यालय के बाहर एक आदमी ने मेरे चेहरे पर मिर्च पाउडर छिड़क दी।”
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उधर, सबरीमाला मंदिर का दर्शन करने के लिए सामाजिक कार्यकर्ता तृप्ति देसाई कोच्चि पहुंच गईं। उन्होंने सबरीमाल मंदिर में प्रवेश करने की योजना बनाई है। उन्हें रोकने के लिए भी वहां पर कुछ लोग पहरा दे रहे हैं।
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गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने सबरीमाला मंदिर और अन्य धार्मिक स्थानों पर महिलाओं के प्रवेश के मुद्दे को सात सदस्यीय पीठ के पास भेजने का आदेश दिया है। कोर्ट ने हालांकि 28 सितंबर, 2018 को दिए गए निर्णय पर रोक नहीं लगाई है, जिसमें 10 से 50 साल आयुवर्ग के बीच की महिलाओं के मंदिर में प्रवेश पर लगा प्रतिबंध हटा दिया गया था।
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